सरयू राय की रडार पर स्वास्थ्य मंत्री! : विधानसभाध्यक्ष से की बन्ना गुप्ता की शिकायत... सदन की अवमानना की कार्रवाई करने का किया अनुरोध...

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SARYU RAY SARYU RAY

RANCHI- जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर विधानसभा की अवमानना की कारवाई संचालित करने का निर्देश देने का अनुरोध विधानसभा अध्यक्ष से किया है।

विधानसभा अध्यक्ष को भेजे गए एक पत्र में सरयू राय ने कहा है कि सभा के गत मानसून सत्र में उनके प्रश्न के लिखित उत्तर में मंत्री ने सदन को जानकारी दिया कि पूर्वी सिंहभूम के प्रभारी सिविल सर्जन विभागीय जाँच में दोषी पाये गये हैं और उनकी सेवा से बर्खास्तगी प्रक्रियाधीन है। लेकिन मंत्री के स्तर से उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है और उन्हें बर्खास्त करने की राह में रोड़ा अटकाया जा रहा है।

सरयू राय ने पत्र में कहा है कि विधानसभा में स्पष्ट आश्वासन के बावजूद मंत्री ने बर्ख़ास्तगी का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद के पास संकल्प के रूप में नहीं भेजा,बल्कि सामान्य रूप से संचिका मुख्यमंत्री को भेज दिया।सरयू राय का कहना है कि राजपत्रित अधिकारी को बर्खास्त करने की शक्ति मुख्यमंत्री को नहीं है बल्कि यह शक्ति मंत्रिपरिषद को है.

सरयू राय ने कहा कि मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री को भेजी गयीसंचिका प्रक्रिया के अंतर्गत मुख्य सचिव के पास गई तो उन्होंने यह प्रश्न उठाया और कार्मिक विभाग से मंतव्य माँगा। संचिका एक माह तक कार्मिक विभाग में दबी रही। बाद में कार्मिक विभाग ने मंतव्य दिया कि दोष सिद्ध अधिकारी की बर्ख़ास्तगी की शक्ति मंत्रिपरिषद के पास है। इस मंतव्य के अनुरूप बर्खास्तगी का संकल्प भेजने के लिये संचिका स्वास्थ्य विभाग में भेज दी गई.

स्वास्थ्य विभाग ने बर्खास्तगी के प्रस्ताव के साथ संचिका मंत्रिपरिषद में भेजने के बदले दोष सिद्ध अधिकारी से पुनः स्पष्टीकरण माँगा और कहा कि वे 30 अक्टूबर तक इस बारे में जवाब दें। विधानसभा सचिवालय ने स्वास्थ्य विभाग से इस बारे में जवाब माँगा तो स्वास्थ्य विभाग ने गत 2 नवम्बर 2021 को सभा सचिवालय को लिखित उत्तर भेजा कि दोष सिद्ध अधिकारी ने जवाब नहीं भेजा है। परंतु इसपर चुप्पी साध लिया कि बर्ख़ास्तगी का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद के समक्ष भेजा है या नहीं?

विधानसभा अध्यक्ष को भेजे गए पत्र में सरयू राय ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग विधानसभा से तथ्य छुपा रहा है। संबंधित संचिका पर मंत्री स्तर से दंड देने की विधि सम्मत कारवाई रोकी जा रही है। संचिका अभी भी स्वास्थ्य विभाग में है और यह विधानसभा की अवमानना है।


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