18 सितंबर से शुरू होगा सरस मेला : ग्रामीण विकास मंत्री करेंगे उद्घाटन, महिला शिल्पकारों और उद्यमियों के स्वावलंबन की दिखेगी झलक
PATNA : ग्रामीण शिल्प, उद्यमिता और लोक कला को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से जीविका, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रतिवर्ष बिहार सरस मेला का आयोजन दो संस्करण में किया जाता है। बिहार सरस मेला के प्रथम संस्करण का 18 सितंबर से 27 सितंबर 24 तक किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ ज्ञान भवन, पटना में 18 सितंबर 2024 की शाम 6 बजे होने जा रहा है।
18 सितंबर से शुरू होगा सरस मेला
बिहार सरस मेला का उद्घाटन ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार करेंगे। इस उद्घाटन समारोह में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इसके साथ ही हिमांशु शर्मा, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) की भी गरिमामयी उपस्थिति रहेगी।
18-127 सितंबर तक चलने वाले इस मेले की समयावधि सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक निर्धारित है। मेले में प्रवेश निःशुल्क है। गौरतलब है कि महिला सशक्तिकरण, उद्यमिता और आत्मनिर्भरता से परिपूर्ण सरस मेला में देशभर की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला शिल्पकारों एवं उद्यमियों के स्वावलंबन की झलक प्रदर्शित की जाती है। सरस मेला का आयोजन ग्रामीण उद्यमिता, शिल्प एवं हुनर को बढ़ावा देने की दिशा में एक सार्थक पहल है।
वर्ष 2014 से बिहार सरस मेला का आयोजन जीविका, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार द्वारा किया जा रहा है। सरस मेला हस्त शिल्प, लोक कलाकृति एवं संस्कृति का अनूठा संगम है, जहां हम अपने देश के विभिन्न राज्यों के विभिन्न लोक रंग एवं संस्कृति को एक ही कैनवास पर देखने को मिलता है। अपने उद्देश्यों को लेकर बिहार सरस मेला प्रति वर्ष पटना में आयोजित किया जाता रहा है।
वर्ष 2018 से बिहार सरस मेला का आयोजन साल में दो बार किया जाता है। प्रथम संस्करण का आयोजन लघु सरस के रूप में सितंबर माह में होता है। इसमें बिहार समेत देश के कई राज्यों की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला उद्यमियों के उत्पादों की बिक्री होती है।
द्वितीय संस्करण का आयोजन गांधी मैदान, पटना में होता है। यह आयोजन 15 दिनों का होता है, जिसमें लगभग सभी राज्यों के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला उद्यमियों एवं स्वरोजगारियों के उत्पादों की प्रदर्शनी एवं बिक्री होती है। बिहार के सभी जिलों से जीविका से सम्बद्ध स्वयं सहायता समूह की महिला उद्यमियां, शिल्प, कलाकृति, पौष्टिक एवं स्वादिष्ट देशी व्यंजन लेकर उपस्थित होती है।
बिहार सरस मेला में देश की कई राज्यों से आयी स्वयं सहायता समूह एवं स्वरोजगारियों द्वारा उत्पादित हस्त शिल्प, देशी एवं पारंपरिक परिधानों तथा देशी व्यंजनों के प्रति लोगों का आकर्षण देखते ही बनता है। सरस मेला के सफलता के बढ़ते क्रम में व्यवसाय प्रबंधन और फैशन टेक्नॉलोजी की पढाई कर रहे छात्र-छात्राएं भी यहां आकर महिला उद्यमियों से कुशल व्यवसाय प्रबंधन का ज्ञान प्राप्त कर अपने कैरियर निर्माण कर रहे है।
वर्ष 2023 में बिहार सरस मेला का स्वरूप :
पिछले वर्ष 2023 का प्रथम संस्करण बिहार सरस मेला ज्ञान भवन, पटना में 20 सितंबर से 27 सितम्बर तक आयोजित हुआ था। इस मेला में बिहार समेत 22 राज्यों की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी ग्रामीण महिला शिल्पकार अपने- अपने क्षेत्र के शिल्प, संस्कृति, स्वाद और परंपरा को लेकर उपस्थित हुए थे। 131 स्टॉलों के माध्यम से देश का हुनर, शिल्प, स्वाद, संस्कृति और परंपरा को परिलक्षित किया गया था।
महज 8 दिनों के आयोजन में 2 करोड़ 92 लाख रुपये से अधिक के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद-बिक्री हुई थी। मेले के दौरान लगभग 2 लाख 92 हजार से अधिक लोग आये । मनपसंद उत्पादों की खरीददारी की और लज़ीज़ व्यंजनों का भी लुत्फ़ उठाया ।
पिछले वर्ष आयोजित सरस मेला (प्रथान संस्करण) में प्रतिभागी राज्य जम्मू-कश्मीर, सिक्किम, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, मेघालय, उत्तराखंड, पंजाब, असम, कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, ओड़िसा, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, तमिलनाडु एवं बिहार।
इस वित्तीय वर्ष का सरस मेला (प्रथम संस्करण) 18 से 27 सितंबर 2024 तक ज्ञान भवन, पटना में आयोजित किय जा रहा है। स्वाद, संस्कृति, संवाद, शिल्प और हुनर के समागम के इस बहुरंगी मेला के खास आकर्षण इस प्रकार हैं :-
1. बिहार समेत 22 से अधिक राज्यों की सहभागिता
2.130 से ज्यादा स्टॉल पर उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद-बिक्री
3.बिहार के सभी जिलों से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला उद्यमियों के स्टॉल
4.महिला उद्योग संघ, महिला विकास निगम, शहरी आजीविका मिशन से जुडी महिला उद्यमियों के स्टॉल
5.कैशलेश (डिजिटल ट्रानजैक्शन) खरीददारी के लिए ग्राहक सेवा केंद्र और स्टॉल पर भी कैशलेश खरीददारी की व्यवस्था
6.अपने हुनर को व्यवसाय में तब्दील करती और उसे बड़ा आकार देती हुई ग्रामीण महिलाओं के प्रेरक स्टॉल
7.सतत जीविकोपार्जन योजना समेत बिहार सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं की सफलता को प्रदर्शित करते हुए स्टॉल और लाभान्वितों की झलक
8. जीविका दीदियों द्वारा संचालित शिल्प ग्राम एवं मधुग्राम के उत्पादों की प्रदर्शनी सह बिक्री
9.कृत्रिम फूल, कालीन समेत सजावट के विभिन्न प्रकार के उत्पाद
10. खादी के परिधान, गर्म कपड़े, सिल्क, कॉटन, कोशा आदि से बनी साड़ियाँ, सलवार, सूट, नाइटी, फुलकारी चिकेन कारी जैसे परिधानों से सुसज्जित स्टॉल,
11.आचार, पापड़, सत्तू, बेसन, मखाना, कतरनी चावल, चूड़ा और गुड़ जैसे देशी व्यंजनों के स्टॉल
12.दीदी की रसोई समेत बिहार समेत कई राज्यों के मशहूर मिठाइयां एवं व्यंजनों के स्टॉल, मेला की अवधि प्रतिदिन सुबह 10 बजे से रात्रि 8 बजे निर्धारित है। प्रवेश निःशुल्क है।
आत्मनिर्भरता के विविध रंगों एवं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी ग्रामीण महिला उद्यमियों के स्वावलंबन, सशक्तीकरण और उनके आर्थिक एवं सामाजिक परिवर्तन की झलक बिहार सरस मेला में आप सभी के अवलोकनार्थ पुनः प्रदर्शित है।