बिहार में नौकरी की बहार : असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली की प्रक्रिया फिर शुरू, 4108 पदों पर फिर शुरू होगी भर्ती
PATNA :बिहार के सरकारी विश्वविद्यालयों में लंबे अरसे से शिक्षकों की कमी महसूस की जा रही है. इसी को देखते हुए सितंबर 2020 यानी बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार सरकार ने अस्टिटेंट प्रोफेसरों के 6 हजार से ज्यादा पदों पर बहाली निकाली. कुछ वजहों से बहाली का मामला कोर्ट में चला गया लेकिन केस सुलझने के बाद अब दोबारा बहाली की प्रक्रिया शुरू की गई है. उम्मीद की जा रही है कि जून के पहले या दूसरे हफ्ते से बिहार को नए असिस्टेंट प्रोफेसर मिलने शुरू हो जाएंगे.
बिहार के सरकारी विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है, जिसे देखते हुए सरकार ने बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग के जरिए अस्टिटेंट प्रोफेसरों की बहाली का फैसला किया. सितंबर 2020 में राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने 6 हजार से अधिक पदों के लिए आवेदन मंगाए. कुछ विषयों में छिटपुट बहाली भी हुई लेकिन मामला पटना हाईकोर्ट में चला गया, जिससे बहाली रूक गई लेकिन कोर्ट से रोक हटने के बाद बहाली की प्रक्रिया दोबारा शुरू की गई है.
बिहार विश्वविद्यालय आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर गिरिश कुमार चौधरी के मुताबिक 24 मई से इंटरव्यू की शुरुआत होगी और दर्शनशास्त्र के बाकी बचे हुए अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लिया जाएगा। दरअसल, पटना विश्वविद्यालय सहित दूसरे विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर रिटायर्ड होते गए लेकिन इनकी जगह नए की नियुक्ति नहीं हुई.
सरकार की किरकिरी होने के बाद बहाली का फैसला हुआ. इसी कड़ी में बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग को बहाली की जिम्मेदारी दी गई. 6 हजार से अधिक पदों के लिए 62 हजार लोगों ने फॉर्म भरे थे. इसमें दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी शामिल हुए हैं. अब इंटरव्यू के लिए 4100 पदों के लिए 12 हजार से अधिक अभ्यर्थी बुलाए गए हैं. खास बात ये है कि आयोग एक साथ सभी 4108 पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों की लिस्ट उम्मीदवारों को नहीं भेजेगा बल्कि विषय वार इंटरव्यू पूरे होने के बाद सफल अभ्यर्थियों को सूची शिक्षा विभाग को भेजी जाएगा, जिसके बाद सफल उम्मीदवार अलग-अलग विश्वविद्यालयों को आवंटित कर दिए जाएंगे.
विश्वविद्यालय सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर गिरिश कुमार चौधरी बताते हैं कि दिसंबर तक सभी पदों को भर दिया जाएगा. सितंबर 2020 में आयोग ने 4600 पदों के लिए साल 2020 में खाली पड़े पदों के हिसाब से बहाली निकाली थी लेकिन पिछले चार सालों में प्रोफेसरों के सैंकड़ों पद खाली हो चुके हैं लिहाजा आयोग ने सरकार से खाली पड़े पदों की संख्या आने पर दोबारा भर्ती शुरू करने की बात कही है.