नक्सली सिमटे सीमित क्षेत्र में : CRPF का नक्सलियों के साथ ग्रामीणों के संबंध को खेल के जरिये तोड़ने का नया अभियान

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गढ़वा : खबर है गढ़वा जिले की जहां भंडरिया थाना क्षेत्र का बूढ़ा पहाड़ आज भी भाकपा माओवादी का बेस कैंप है जिस पर वे आज तक काबिज है. इस क्षेत्र में आज से 5-7 वर्ष पहले माओवादी खुलेआम घूमा करते थे और जन अदालत लगाया करते थे लेकिन सीआरपीएफ के आने से माहौल एकदम शांत हो गया. माओवादी अब बूढ़ा पहाड़ तक ही सिमट कर अपनी आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं. ये सब सीआरपीएफ के सहयोग अभियान के तहत हुआ है.

गढ़वा का अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र भंडरिया इलाके में एक ओर CRPF जहां नक्सलियों के विरुद्ध गोला-बारूद और बंदूक से अभियान चला कर नक्सलियों की कमर तोड़ रही है वहीं दूसरी तरफ CRPF सहयोग अभियान चलाकर नक्सलियों के साथ ग्रामीणों के संबंध को भी खेल के माध्यम से तोड़ कर एक नये अभियान की शुरुआत की है. जब से सीआरपीएफ के जवान यहां आये हैं नक्सली अपने मांद में तो घुस ही गए अब यहीं बच्चे आज फुटबॉल खेलते नजर आ रहे हैं जो कभी नक्सलियों के बीच भयभीत होकर अपना जीवन गुजारते थे. आज इन्हें सीआरपीएफ की मदद से सुरक्षा का माहौल मिला है. सीआरपीएफ-172 बटालियन ने यहां आस पास के ग्रामीणों के बीच फुटबॉल मैच का आयोजन सिविक एक्शन प्लान के तहत मिशन सहयोग के अंतर्गत यह कार्यक्रम किया है. स्थानीय युवाओं की मानें तो यह क्षेत्र पहले बहुत अशांत था लेकिन जब से सीआरपीएफ का आगमन हुआ है इलाका अब शांत हो गया है.

CRPF के कमांडेन्ट ने बताया कि पहले क्षेत्र नक्सलियों के चुंगल में था. लेकिन अब अभियान चला तो ये लोग एक सीमित क्षेत्र में सिमट गए. अब एक सहयोग अभियान के तहत नक्सलियों के संबंध को ग्रामीणों से तोड़ा जा रहा है ताकि इस क्षेत्र में सुरक्षा के साथ खेल को बढ़ावा मिले. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि किसी जमाने में नक्सलियों की धाक थी. अब जमाना बदला है नक्सली अपने बिल में पहुंच गए हैं. वहां भी बहुत जल्द हमलोग पहुचेंगे. सीआरपीएफ की सहयोग अभियान काफी अच्छा है. इससे एक नई युग की शुरुआत होगी.