नवादा में स्कूल हेडमास्टर की शर्मनाक करतूत : रद्दी के भाव बेच रहे थे छात्रों की किताबें, ग्रामीणों ने किया पर्दाफाश

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 Nawada school headmaster was selling students' books at throwaway prices  Nawada school headmaster was selling students' books at throwaway prices

NAWADA :नवादा में योजना के तहत बच्चों को नि:शुल्क किताबें वितरित की जानी थी। बिहार की नीतीश सरकार ने किताबें भेजी जरूर लेकिन वो बच्चों तक पहुंची ही नहीं। स्कूल के हेडमास्टर शिक्षक के साथ मिलकर बच्चों की किताबों को रद्दी के भाव में बेच रहे थे। इस बात की जानकारी गांव वालों को जैसे ही लगी, सभी मौके पर पहुंच गए और जमकर हंगामा किया।

वहीं, सरकारी किताबों को कबाड़ी के हाथों बेचते प्रधानाध्यापक को ग्रामीणों ने रंगेहाथों पकड़ लिया। मामला मेसकौर प्रखंड के बैजनाथपुर आदर्श राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय का है। जिस गुरु पर बच्चों की तालिम देने की जिम्मेदारी है, वहीं उनकी किताबों को कबाड़ी में रद्दी के भाव बेचते पकड़े गए।

गांव के लोगों ने कबाड़ी की गाड़ी को भगा दिया

सरकार की ओर से लगातार कोशिश की जाती है कि बच्चों को पढ़ाई-लिखाई में किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो। सरकारी स्कूलों के बच्चों को मुफ्त में किताबें उपलब्ध करायी जाती हैं। वहीं, ग्रामीणों का आरोप है कि बैद्यनाथपुर आदर्श राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार चौधरी बच्चों को किताबें न देकर विद्यालय में स्टोर कर लिया औऱ फिर चुपके से किताब बेचकर पैसा कमाना चाहते थे। ग्रामीणों की सूझबूझ के कारण प्रधानाध्यापक और शिक्षक के कारनामे का पर्दाफाश हो गया।

वहीं, कई बार बच्चों को दी जाने वाले एमडीएम को लेकर भी फर्जीवाड़े की खबरें सामने आती रहती हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि भले ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव सख्ती बरत रहे हैं ताकि बच्चों को अच्छी तालिम मिल सके लेकिन उन तमाम कोशिशों पर ऐसे लोग बट्टा लगा देते हैं।