मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ : आज से शुरू हो गई नवरात्र...कलश स्थापना के साथ ही मां की पूजा अराधना..

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NAVRATRA KO LEKAR HINDU SRADHALUO ME UTSAH. NAVRATRA KO LEKAR HINDU SRADHALUO ME UTSAH.

DESK:-आज से नवरात्र शुरू हो गई है ..सुबह से ही विभिन्न मदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी है.बिहार झारखंड के साथ ही देशभर के शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं की भीड़ अहले सुबह से ही पूजा पाठ के लिए लाइन में लग गई है और बारी-बारी से मां की पूजा कर रही है.

बताते चलें कि हिन्दू धर्म में आदिशक्ति माँ दुर्गा की आराधना का महापर्व नवरात्रि बेहद उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है, जिसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस वर्ष के नवरात्र आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होने जा रहे हैं। इन्हें शारदीय नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रा के पहले दिन शैलपुत्री के स्वरूप की पूजा होती है.इसके साथ ही नौ दनों तक अलग अलग स्वरूप यानी शैलपुत्री - ब्रह्मचारिणी - चंद्रघंटा - कूष्मांडा - स्कंदमाता - कात्यायनी - कालरात्रि - महागौरी – सिद्धिदात्री की पूजा होती है.

प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।

तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।।

पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।

सप्तमं कालरात्रीति, महागौरीति चाष्टमम्।।

नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।

नवरात्रि पर शुभ संयोग!

इस साल शारदीय नवरात्रि पर शुक्ल व ब्रह्म योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 26 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन शुक्ल योग सुबह08 बजकर06 मिनट तक रहेगा। इसके बाद ब्रह्म योग शुरू होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवरात्रि के प्रारंभ का यह अद्भुत संयोग बेहद दुर्लभ एवं विशेष है। आप भी शुक्ल व ब्रह्म योग में अपने शुभ कार्यों को पूर्ण कर सकते हैं।

कहतें हैं कि नवरात्र शक्ति की साधना का पर्व है। यह ऐसा समय है जब हर साधक संसार की सभी तामसिक ऊर्जाओं को छोड़कर सिर्फ माँ दुर्गा की साधना में खुद को मग्न रहना चाहता है। नवरात्रि के पर्व में शक्ति स्वरूपा माँ दुर्गा की मन से की गई उपासना से साधकों के हर कार्य सिद्ध होते हैं और आपकी पूजा से प्रसन्न होकर माँ दुर्गा आपकी हर मनोकामना को पूरा करती हैं।

नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना की जाती है.इसके लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखा जाता है.इस वर्ष नवरात्रि प्रतिपदा तिथि 26 सितम्बर, सोमवार को सुबह 03:23 AM पर शुरू हुई है, और 27 सितम्बर, मंगलवार को सुबह 03:08 AM पर समाप्त होगी।इस दिन पूजा शुरू करने के दो खास मुहूर्त हैं और श्रद्धालु अपनी सुविधानुसार इन दोनों में से किसी भी मुहूर्त में पूजा शुरू कर सकते हैं।

अमृत मुहूर्त -06:11 AM से07:51 AM तक

अभिजित मुहूर्त -11:48 AM से12:36 PM तक

नवरात्रि में पूजा पाठ एवं कलश स्थापना को लेकर गया के पंसिद्ध ज्योतिषाचार्य वैदिक रामाचार्या ने बताया कि नवरात्रि प्रतिपदा तिथि को सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें और माँ भगवती और माता शैलपुत्री की पूजा के लिए लाल या पीले रंग के स्वच्छ वस्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल को ठीक से साफ करके गंगा जल से शुद्ध करें। मंदिर को अपनी रूचि अनुसार सजाएं। अब इस स्थान में चौकी स्थापित करें।इस बात का ध्यान रखें कि चौकी को ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें। यह इस तरह से हो कि माँ दुर्गा और माँ शैलपुत्री का मुख पश्चिम की ओर हो, और पूजा करने वाले का मुख पूर्व दिशा की तरफ हो,और फिर मुहूर्त के अनुसार पूजा विधि शुरू करना चाहिए.

स्वस्ति वाचन

सबसे पहले चौकी के सामने एक साफ आसन बिछाकर बैठ जाएं।जलपात्र से अपने बाएं हाथ से दाएं हाथ में जल लेकर दोनों हाथों को शुद्ध करें। अब स्वयं को तिलक करें।

सीधे हाथ में जल ले कर स्वस्ति मंत्र का उच्चारण करें।

स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः ।

स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः ।

स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः ।

स्वस्ति नो वृहस्पतिर्दधातु ॥

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥

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शारदीय नवरात्रि 2022 कैलेंडर-

26सितंबर, पहला दिन - प्रतिपदा, घटस्थापना, मां शैलपुत्री पूजा

27सितंबर, दूसरा दिन- द्वितीया, मां ब्रह्मचारिणी पूजा

28सितंबर, तीसरा दिन- तृतीया, मां चंद्रघंटा पूजा

29सितंबर, चौथा दिन - चतुर्थी, मां कुष्मांडा पूजा

30सितंबर, पांचवां दिन - पंचमी, मां स्कंदमाता पूजा

01अक्टूबर, छठा दिन - षष्ठी, माता कात्यायनी पूजा

02अक्टूबर, सातवां दिन - सप्तमी, मां कालरात्रि पूजा

03अक्टूबर, आठवां दिन - दुर्गा अष्टमी, महागौरी पूजा, महानवमी

04अक्टूबर, नौवां दिन - महानवमी, शारदीय नवरात्रि का पारण

05अक्टूबर, दसवां दिन - दशमी, दुर्गा विसर्जन और विजयादशमी (दशहरा)

क्या है इस बार नवरात्रि पर्व पर खास

कहते हैं, नवरात्रि के इन नौ दिनों तक माँ दुर्गा धरती पर निवास करती हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों को हर कर उनका कल्याण करती हैं। तो भक्तों, आप भी पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ माता रानी के स्वागत की तैयारियों में जुट जाइए, क्योंकि इस नवरात्रि पर बन रहा है एक दुर्लभ संयोग, जिसके अनुसार इस बार नवरात्रि का शुभारंभ माँ दुर्गा के विशेष दिन सोमवार से होने जा रहा है, जिसका अर्थ है कि इस नवरात्रि में मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर अपने भक्तों से मिलने आ रही हैं। माना जाता है कि हाथी पर सवार माता रानी अपने भक्तों के जीवन में ढेर सारी खुशियां और सुख-समृद्धि लेकर आती हैं और अपने भक्तों की समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं।


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