वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर हलचल तेज : रामनाथ कोविंद कमेटी ने राष्ट्रपति को सौंपी 18626 पन्नों वाली रिपोर्ट, जानिए कब से होगा लागू?

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NEWS DESK :वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर गहमागहमी तेज हो गयी है। इसे लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने गुरुवार को 18 हजार 626 पन्नों वाली रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी है। रामनाथ कोविंद कमेटी ने इस रिपोर्ट में कई बड़ी और अहम सिफारिशें की हैं।

वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर हलचल तेज

कमेटी ने वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए संविधान संशोधन की सिफारिश की है। कमेटी ने सिफारिश की है कि सरकार कानून सम्मत ऐसा तंत्र तैयार करे, जिससे एक साथ चुनाव संभव हो। कोविंद समिति ने कहा है कि पहले चरण में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ कराए जा सकते हैं, जिसके बाद 100 दिनों के अंदर सेकेंड फेज में स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जा सकते हैं।

2029 में एकसाथ चुनाव कराने की सिफारिश

इसके साथ ही पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में वन नेशन-वन इलेक्शन की रिपोर्ट में देश में लोकसभा, विधानसभा और नगर निकाय के चुनावों को एक साथ करने की सिफारिश की गई है। सूत्रों की माने तो कमेटी ने 2029 के चुनावों को देश में एकसाथ कराने की सिफारिश की है।

इस दिन हुआ था हाईलेवल कमिटी का गठन

गौरतलब है कि वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर पिछले साल 2 सितंबर को हाईलेवल कमेटी का गठन किया गया था। 191 दिन में रिपोर्ट तैयार की गई है। इस दौरान कमेटी ने चुनाव से जुडे़ तमाम लोगों से विस्तार से बातें की हैं। कमेटी ने सिफारिश की है कि केंद्र सरकार कानूनी रूप से एक ऐसा तंत्र तैयार करे, जिससे एक साथ चुनाव हो सकें।

अनुच्छेद 324A लागू करने की सिफारिश

रिपोर्ट में अनुच्छेद 324A लागू करने की सिफारिश भी शामिल है। इसके अलावा अनुच्छेद 325 में संशोधन की सिफारिश भी की है। कोविंद कमेटी ने एकल मतदाता सूची के लिए भी सिफारिश की है। रिपोर्ट में कहा गया कि पहले चरण में एक साथ लोकसभा और विधानसभा करवाए जाएं। दूसरे चरण में नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत और पंचायत के चुनाव करवाए जाएं। इस प्रक्रिया को इस तरह जोड़ा जाए कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव होने के 100 दिन के भीतर ही नगर निकाय और पंचायत के चुनाव हो जाएं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टियों, विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों के सुझावों के आधार पर कमेटी का सर्वसम्मत विचार है कि एक साथ चुनाव होने से चुनावी प्रक्रिया और समग्र शासन में मूलभूत परिवर्तन आएगा. कमेटी ने लोकसभा और विधान सभाओं के साथ-साथ पंचायतों और नगर पालिकाओं में चुनाव को सक्षम बनाने के लिए अनुच्छेद 324 ए लागू करने की सिफारिश की.

कमेटी ने एकल मतदाता सूची और एकल मतदाता फोटो पहचान पत्र को सक्षम करने के लिए अनुच्छेद 325 में भी संशोधन की सिफारिश की है, जिसे राज्य चुनाव आयोग के परामर्श से भारत के चुनाव आयोग द्वारा तैयार किया जाएगा.

बीच में गिर जाए राज्य सरकार तो .....

कमेटी की सिफारिश है कि त्रिशंकु सदन की स्थिति में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए। ऐसी स्थिति में नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं। राज्य विधानसभाओं के लिए नए चुनाव होते हैं तो ऐसी नई विधानसभा तब तक जल्दी भंग ना की जाए, जब तक लोकसभा का कार्यकाल खत्म नहीं हो जाता.