लालू प्रसाद के सियासी गुरु RJD में शामिल : कहा : बिहार में है लालटेन की लहर, पुराने घर में वापसी से हूं खुश

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 Lalu Prasad's political guru Ranjan Yadav joins RJD  Lalu Prasad's political guru Ranjan Yadav joins RJD

PATNA :आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के सियासी गुरु रंजन यादव आज राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गये हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र से लालू प्रसाद यादव को शिकस्त देने वाले रंजन यादव ने RJD का दामन थाम लिया है।

आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने प्रदेश दफ्तर में उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलायी। आरजेडी में शामिल होने पर रंजन यादव ने कहा कि उनकी पुराने घर में वापसी हुई है। आज लालटेन की लहर है। उन्होंने पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद की जमकर प्रशंसा की और कहा कि लालू प्रसाद की हर चुनाव में देशभर में मांग होती थी। कई प्रधानमंत्रियों के साथ वे काम कर चुके हैं।

दरअसल, पाटलिपुत्र लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती तीसरी बार चुनाव लड़ रही हैं। 2014 और 2019 में मीसा को हार का सामना करना पड़ा था। बीजेपी उम्मीदवार रामकृपाल यादव ने उनको दोनों बार हराया था। इस बार भी दोनों आमने-सामने हैं। चर्चा है कि मीसा भारती की सियासी मजबूती के लिए रंजन यादव को पार्टी में शामिल कराया गया है क्योंकि पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ है।

गौरतलब है कि 15 साल तक बिहार की सत्ता पर काबिज रहने वाला लालू फैमिली पाटलिपुत्र सीट कभी नहीं जीत पाया। इसी लोकसभा क्षेत्र में दानापुर विधानसभा सीट है, जहां से लालू प्रसाद विधायक रहे। लालू का कोर वोटर माना जाने वाले M-Y यानी मुस्लिम और यादव समीकरण यहां काफी मजबूत है। इसके बावजूद ना तो लालू प्रसाद यादव और ना ही उनकी बेटी मीसा भारती पाटलिपुत्र सीट पर जीत का परचम लहरा सके।

2014 और 2019 में रामकृपाल यादव मीसा भारती को चुनाव में मात दे चुके हैं। 2019 में रामकृपाल यादव ने मीसा भारती को 39 हजार वोट से हराया था। रामकृपाल यादव को 5 लाख 9 हजार वोट मिले थे जबकि मीसा भारती 4 लाख 70 हजार वोट ला सकी थीं। इससे पहले 2014 में रामकृपाल यादव को 3 लाख 83 हजार वोट मिले थे जबकि मीसा भारती को 3 लाख 42 हजार वोट मिले थे।

आपको बता दें कि मीसा भारती पाटलिपुत्र से दो बार चुनाव हारीं तो लालू यादव को भी यहां से हार का सामना करना पड़ा था। परिसीमन के बाद जब पाटलिपुत्र लोकसभा सीट बनी तो लालू प्रसाद यहां से खुद चुनाव मैदान में उतरे और उनके सामने थे, कभी उनके राजनीतिक गुरु माने जाने वाले डॉ. रंजन यादव, जो पाला बदलकर JDU में चले गये थे। कांटे की लडा़ई में लालू यादव को 2 लाख 45 हजार वोट मिले जबकि रंजन यादव ने 2 लाख 69 हजार वोट लाकर जीत दर्ज की। चुनाव के ठीक पहले रंजन यादव एक बार फिर लालू के साथ आ गये हैं।


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