कश्मीर में हत्या से अररिया में मातम : रानीगंज के हरेक घर का बेटा कश्मीर में करता है मजदूरी
रानीगंज गांव के हर घर से एक-दो लोग मजदूरी करने कश्मीर गए हुए हैं
अररिया:-रविवार की देर शाम कश्मीर में आतंकियों ने तीन बिहारी मजदूर को गोली मार दी जिसमें से दो की मौके पर मौत हो गयी है जबकि तीसरे का इलाज अस्तपताल में चल रहा है।इनमें से दो मजदूरों कं संबंध बिहार के अररिया जिला के रानीगंज गांव से है।कश्मीर मे हुई इस घटना से इस रानीगंज गांव में मातमी सन्नाटा है और मृतक एवं घायल के परिवार के साथ ही पूरे गांव के लोगों का भय का माहौल है क्योकि इस गांव के लगभग हरेक घर का कोई न कोई सदस्य जम्मू कश्मीर में मजदूरी के लिए गया हुआ है।बीती शाम हुई इस घटना की खबर गांव में रात तक आ गयी थी जिसके बाद यहां का माहौल पूरे तरह बदला-बदला हुआ नजर आ रहा है।हर किसी को भय है कि कहीं उनके परिवार के साथ कोी अनहोनी न हो जाय।
घायल चुनचुन के के परिजन हताश
जब कशिश न्चुयूज की टीम इस गांव मे पहुंची तो उसे गांव की गरीबी और बेबसी साफ नजर आ रही थी।कश्मीर में हुई आतंकी घटना में घायल चुनचुन ऋषिदेव के घर पर उनके पिता तेजू ऋषिदेव और पूरा परिवार हताशा की मुद्रा में जमीन पर बैठे हुए थे। चुनचुन की पत्नी की बदहवाश बैठी हुई थी।काफी दिलासा देने के बाद वह कहती है कि मेरे पति नौ महीने से जम्मू में हैं। यहां से एक ठीकेदार उन्हेें वहां ले गया। कई महीने से हम ठीकेदार को फोन करते रहे हैं कि मेरे पति को वापस ले आए,ठीकेदार हर बार जल्द वापस लाने का आश्वसान देता है और आज उनको गोली लगने की खबर आ गई। चुनचुन के पिता तभी हताश भाव में कहते हैं कि पता नहीं मेरा बेटा अभी कैसा है...वह लौटेगा भी या नहीं...! यह बोलते हुए वह उनका गला भर जाता है और पूरा परिवार रोने लगता है।
इस मोहल्ले में रोशनी की कमी है। आवासीय व्यवस्था को देखकर प्रतीत होता है कि यहां के अधिकांश लोग गरीब हैं। ग्रामीण बताते हैं कि यहां हर घर से एक-दो लोग कश्मीर काम करने गए हुए हैं।स्थानीय उमेश ऋषिदेव और गौतम ने बताया कि ठीकेदार गांव वालों को वहां मजदूरी के लिए ले गया है। सभी लोग मकान निर्माण में लेबर-मिस्त्री का काम करते हैं। अब तक तो सब ठीक ही चल रहा था लेकिन अब वहां कश्मीर से आ रही खबर ने हमारी नींद-चैन ही उड़ा दी है।मजदूर की हत्या की खबर के बाद कई घरों में चूल्हा तक नहीं जला है। ग्रामीण यह समझ नहीं पा रहे कि अब उन्हें क्या करना चाहिए।
रो-रोकर बेहोश हो रही है मृतक योगेंद्र ऋषिदेव की मां
कश्मीर में मारे गए दो युवकों में एक योगेंद्र ऋषिदेव का ससुराल भी इसी गांव में है। यहां भी उनके स्वजन के चीत्कार से माहौल गमगीन है। सास कुमिया देवी, ससुर तागो ऋषिदेव किंकर्तव्यविमूढ़ बने हुए हैं। योगेंद्र का घर यहां से करीब पांच किमी दूर बनगामा पंचायत के खैरूगंज में है। खैरूगंज में पीड़ित परिजन का करूण क्रंदन की आवाज लगातार सुनाई दे रही है।योगेंद्र की मां बरनी देवी बार-बार बेहोश होकर गिर जा रही है। उसके दांत पर दांत चढ़ जा रहा है। ऐसा होते ही आसपास के लोग कहने लगते हैं- दांती छोड़ाव नय त एकरो जान चल जैते...! होश में आने पर गांव वाले उसे संभालने की कोशिश करते हैं पर वह रोते-छाती पीटते हुए फिर बेहोश हो जाती है। गांव वाले उसे उसके घर से गांव में ही बेटी के घर ले जाते हैं ताकि वहां अधिक केयर हो सके।
दहशत में हैं कश्मीर गये मजदूर
मिर्जापुर रानीगंज के वार्ड नंबर 15 और खैरूगंज में लोगों ने बताया कि कश्मीर की हालत अब बेहद खराब हो गई है। यहां से वहां जितने मजदूर गए हैं सभी दहशत में हैं। मिर्जापुर की वृद्ध कुमिया देवी का दो पोता महेश ऋषिदेव और सुरेश ऋषिदेव घटना के वक्त वहीं थे। कुमिया कहती हैं कि घटना की जानकारी के बाद उनकी अपने पोतों से बात हुए। महेश और सुरेश ने बताया कि जब गोलीबारी हुई तो उस वक्त दोनों चुनचुन और योगेंद्र के साथ ही थे। अचानक हुए इस हमले में जान तो बच गई है लेकिन अब वे अपने कमरे में बंद हैं। उनके पास अभी खाने-पीने को कुछ नहीं है। यह कहते हुए कुमिया रोने लगती है।