तेजस्वी यादव पर जेडीयू का तंज : कहा : पूरी दुनिया की नौकरियों पर ठोक दें अपना दावा, चेले-चपाटे भी ठहराने लगेंगे सही
PATNA :तेजस्वी यादव पर चुटकी लेते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि राजद के युवराज झूठ बोलने में इतने पारंगत हो गये हैं कि अब राहुल गांधी भी शर्मा जाएं. तेजस्वी जी से हमारा आग्रह है कि जब वह झूठ बोलने को ही राजनीति मान चुके हैं तो सिर्फ नीतीश सरकार की नौकरियों श्रेय लेने की बजाए पूरी दुनिया में बांटी जा रही नौकरियों पर अपना दावा क्यों नहीं ठोक देते. एक बार वह बोल कर देखें तो सही उनके चेले-चपाटे इसे भी सही ठहराने लगेंगे.
तेजस्वी के दावों की धज्जियां उड़ाते हुए जदयू प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी जी को समझना चाहिए कि इंटरनेट के जमाने में झूठ छिपता नहीं है. कोई भी पुरानी खबरों को सर्च कर के देख सकता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने 2020 में ही 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देने की घोषणा कर दी थी.
चुनाव बाद सरकार बनते ही इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी थी. बाद में सरकार में आने वक्त तेजस्वी जी को तो इन नौकरियों के बारे में जानकारी तक नहीं थी. इंटरनेट पर कोई भी जांच कर सकता है कि उस समय 10 लाख नौकरियों के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी जी और उनके नेता बगले झांकते हुए, मुख्यमंत्री बनने के बाद ऐसा करने की बात कहते थे.
तेजस्वी के झूठ की पोल खोलते हुए जदयू प्रवक्ता ने कहा कि हकीकत यही है कि जब एनडीए सरकार में तय हुई शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही थी, तब तेजस्वी जी के शिक्षामंत्री कार्यालय तक नहीं जाते थे. यहां तक कि बहालियों की फाइल पर उनके दस्तखत तक नहीं हैं. काम करने की बजाए मंत्री जी का पूरा समय रामचरितमानस और हिंदू धर्म पर अभद्र टिप्पणीयां करते रहने में बीतता था.
यह तेजस्वी जी का सौभाग्य था कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 25 हजार बहालियों के नियुक्ति-पत्र बांट रहे थे तो अन्य मंत्रियों के साथ उन्होंने तेजस्वी को भी बुला लिया था. आज तेजस्वी जी अपनी उसी तस्वीर को भुना रहे हैं. राजीव रंजन ने कहा कि हकीकत में लालू-राबड़ी काल के 15 वर्षों की बजाए नीतीश सरकार के 17 महीनों का बार-बार जिक्र कर के तेजस्वी अपने डर को दिखला रहे हैं. उन्हें भी पता है राजद राज के नाम पर उनके पास बताने को कुछ नहीं है. इसी बेचारगी में उन्हें झूठ बोलकर काम चलाना पड़ रहा है. तेजस्वी जान लें कि झूठ बोलने से जंगलराज की कालिख मिटने वाली नहीं है.