गंभीर बीमारी है एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस : बीमारी के बारे में जानिए डॉ. अजीत कुमार सुरीन से, पढ़िये पूरी खबर

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रांची : विगत कुछ समय से देश भर में ऑर्थोपेडिक समस्याओं में इजाफा हुआ है. लोगों में ऑस्टियोआर्थराइटिस,रुमेटीइड गठिया,सोरियाटिक गठिया,गाउट व अन्य मामलों में वृद्धि हुई है. कई बार लोगों को आभास होता है कि उनके घुटने में दर्द हो रहा है. हड्डियों में दर्द है,लेकिन न तो वे डॉक्टर के पास आते हैं और न ही समय पर इसका इलाज कराते हैं. मामूली परेशानी बड़ा रूप लेकर सामने आने लगता है और परेशानी बढ़ा सकता है. इसलिए हड्‌डी से संबंधित दर्द को कभी भी नजरअंदाज न करें. ये बातें अपोलो भुवनेश्वर में सेवा दे रहे प्रसिद्ध रुमेटोलॉजिस्ट डॉ. अजीत कुमार सुरीन ने हरमू रोड़ स्थित प्रॉमिस हेल्थ केयर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही.

डॉ. अजीत कुमार सुरीन ने बताया कि वर्तमान समय में हड्‌डी से जुड़ी कई बीमारी से लोग परेशान हैं. इनमें से प्रमुख है एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस. इसे एक्सियल स्पोंडिलोआर्थराइटिस के रूप में भी जाना जाता है, एक सूजन वाली बीमारी है, जो समय के साथ, रीढ़ की हड्डी में कुछ हड्डियों, जिन्हें कशेरुक कहा जाता है, इसके जुड़ने का कारण बन सकती है. यह संलयन रीढ़ की हड्डी को कम लचीला बनाता है और इसके परिणामस्वरूप झुकी हुई मुद्रा हो सकती है. यदि पसलियां प्रभावित हों तो गहरी सांस लेना मुश्किल हो सकता है.

मरीजों को मिले अच्छा और सस्ता इलाज

अर्थराइटिस के मरीजों को काफी महंगी जांच,महंगी दवाओं के क्रम से गुजरना पड़ता है. इसकी सरल और सस्ती विकल्प ढूंढ़ने की अत्यंत आवश्यकता है. प्रॉमिस हेल्थ केयर में डॉ. अजीत कुमार सुरीन का यही प्रयास रहता है कि मरीजों को अच्छा और सस्ता इलाज मिले. यहीं डॉ. सुरीन को सफलता की ऊंचाईयों पर पहुंचा रहा है.

डॉ. अजीत कुमार सुरीन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अर्थराइटिस और एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस जैसी बीमारियों के बारे में प्रमुखता से बात की और मीडिया के सवालों के जवाब दिए.

सवाल : जवाब

1.अर्थराइटिस क्या है और यह कैसे होती है?

जवाब - गठिया जोड़ों में सूजन के परिणामस्वरूप होता है. इससे सूजन,दर्द,जोड़ों को हिलाने में कठिनाई होती है. यह आम तौर पर युवाओं और महिलाओं दोनों में आम है. कई बार संबंधित जीनों का मजबूत संबंध हो सकता है जो किसी में गठिया होने के कारण बन सकता है. संक्रमण,पर्यावरण जैसे अन्य कारक भी हैं जो आनुवंशिक प्रवृत्ति के अलावा अन्य भूमिका निभा सकते हैं.

2.एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस क्या है?

जवाब - एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस एक पुरानी या लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है,जो मुख्य रूप से रीढ़ को प्रभावित करती है और इलाज न होने पर अक्सर पीठ में अकड़न हो जाती है. जो जोड़ और स्नायुबंधन आम तौर पर पीठ को हिलने-डुलने की अनुमति देते हैं उनमें सूजन आ जाती है. रोग के बढ़ने पर जोड़ और हड्डियां आपस में जुड़ सकती हैं. यह एक प्रकार की बीमारियों का समूह है जिसे स्पोंडिलोआर्थराइटिस (एसपीए) कहा जाता है.

3.इसका कारण क्या है?

जवाब - कारण अज्ञात है,लेकिन ऐसा प्रतित होता है कि आनुवंशिकी एक बड़ी भूमिका निभाती है. एचएलए-बी27नामक जीन एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस वाले90प्रतिशत लोगों में पाया जाता है. सिर्फ इसलिए कि किसी के पास जीन है,इसका मतलब यह नहीं है कि उसे एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस है.HLA-B27के अलावा अन्य कारक भी शामिल हैं,जो इम्यूनो-इंफ्लेमेटरी क्षति का कारण बनते हैं.

4.कौन-कौन से जोड़ प्रभावित होते हैं?

जवाब - एएस जोड़ों में सूजन (जोड़ का दर्द और सूजन) का कारण बनता है. सबसे आम लक्षण होते हैं निम्न पीठ में लगातार दर्द और कठिनाई,जो सामान्यतः जोड़ों को पेल्विक हड्डी से जुड़ा होता है.

5.इस रोग के जोखिम किसे हैं?

जवाब - पुरुष और महिलाएं दोनों एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस से प्रभावित हो सकते हैं,यह मुख्यतः पुरुषों को प्रभावित करता है. आरंभ,आमतौर पर17और35वर्ष के बीच होता है,लेकिन बच्चों और अधिक आयु समूह में भी हो सकता है.

6.इस बीमारी के अन्य संबंधित समस्याएं क्या हैं?

जवाब - यह आंखों (यूवाइटिस), फेफड़े (फाइब्रोसिस), तंत्रिका तंत्र (पक्षाघात), हृदय (वाल्व या कोरोनरी रोग), किडनी (नेफ्रैटिस) आदि को प्रभावित कर सकता है. यदि शुरू से ही इलाज किया जाए, तो समग्र परिणाम अच्छा होता है. उन्नत कूल्हों/घुटनों के गठिया के लिए सर्जरी से जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है.


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