सवर्ण आरक्षण सही है या गलत : सुप्रीम कोर्ट में आज होगी बड़ी बहस, क्या कहता है कानून, किसका पलड़ा भारी है
NEW DELHI -आजादी के लगभग छह-सात दशक के बाद देश में गरीब सवर्णों को दस परसेंट आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। अब इस मामले को तूल देते हुए विवादित बना दिया गया। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। एक पक्ष का कहना है कि गरीब सवर्णों के हितों को ध्यान में रखते हुए जायज है। वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि यह कानून संविधान सम्मत नहीं है। क्योंकि संविधन धर्म के आधार पर कननू बनाने का परमीशन नहीं देता है।
13 सितंबर 14 सितंबर और 15 सितंबर को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में तीखी बहस हुई। इस दौरान संविधान, जाति, सामाजिक न्याय जैसे शब्दों का भी जिक्र हुआ। अब पांच बेंच वाला जज इस मामले की सुनवाई कर रही है।
विरोध करने वाले उठा रहे हैं तीन सवाल
क्या सवर्णों को आरक्षण देने के लिए जो संशोधन हुआ है वह मूल भावाना के खिलाफ है।
क्सा एससी और एसटी वर्ग के सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ लोगों को सवर्ण आरक्षण से बाहर रखा क्या संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर के खिलाफ है
क्या राज्य सरकार को प्राइवेट संस्थानों में एडमिशन के लिए कोटा तय करने का अधिकार मिलना संविधान के खिलाफ है