'चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन' : समीर मोहंती के पत्र की हो फॉरेन्सिंक जांच, बाबूलाल मरांडी ने चुनाव आयोग से की मांग

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Babula demand from the Election Commission Babula demand from the Election Commission

रांची : झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इंडिया अलायंस पर हमला बोला. इस दौरान JMM और कांग्रेस पर निशाना साधा. साथ ही जमशेदपुर लोकसभा से इंडिया अलायंस के प्रत्याशी समिर मोहंती के पत्र का जिक्र किया और चुनाव आयोग से उस पत्र की फॉरेन्सिक जांच कराने की मांग की.

दरअसल एक पत्र वायरल हो रहा है. कहा जा रहा है कि ये पत्र समिर मोहंती ने लिखा है. इस पत्र में लिखा गया है कि लोकसभा चुनाव में जमशेदपुर में 25 लाख रुपये दिये गये थे. इस राशि को मतदान के दिन बूथ प्रबंधन के लिए कार्यकर्ताओं के बीच 6000-6,000 रुपये बांटे जाने थे, लेकिन प्रति बूथ सिर्फ 4,000 रुपये बांटे गए. ऐसे में इस पत्र पर बाबूलाल मरांडी ने सवाल उठाया. और चुनाव आयोग से मामले की जांच कराने की मांग की.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि एक लोकसभा क्षेत्र में औसत दो हजार बूथ होते हैं. यदि प्रति बूथ 6 हजार रुपए का हिसाब किया जाए तो वह एक करोड़ बीस लाख होता है. प्रति विधानसभा 25लाख का हिसाब जोड़ा जाए तो यह राशि भी डेढ़ करोड़ तक पहुंच जाती है. बाबूलाल ने कहा कि समीर मोहंती के पत्र से स्पष्ट है कि एक लोकसभा चुनाव क्षेत्र में 3करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च किए गए है. जबकि चुनाव आयोग ने खर्च की निर्धारित सीमा 95 लाख ही है. उन्होंने कहा कि यह चुनाव आयोग के निर्देशों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन है और पैसे के बल पर राज्य की सत्ताधारी गठबंधन द्वारा चुनाव को प्रभावित करने की हर संभव कोशिश की गई है.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि समीर मोहंती ने जिस प्रकार से अपने पत्र को फर्जी करार दिया है यह जांच का विषय है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग किया कि समीर मोहंती द्वारा पैसे के लेनदेन के संबंध में अपने गठबंधन के नेताओं को लिखे पत्र की फॉरेंसिक जांच कराकर सच्चाई सामने लाया जाए। साथ ही बाबूलाल ने कहा कि केंद्र सरकार की नल जल योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. पाइप बिछाने से लेकर बोरिंग करने में लूट मची है. निर्धारित मानकों का ख्याल नही रखा गया. भ्रष्टाचार के कारण अभी तक योजना पूरी भी नहीं हुई है. साथ ही कहा कि

राज्य में भीषण गर्मी के बीच सभी जिलों में पानी बिजली के गंभीर संकट से जनता जूझ रही है लेकिन राज्य सरकार को कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले ही जो चपाकल लगाने केलिए स्वीकृति दी थी उसे भी विधायकों की अनुशंसा के बावजूद अबतक नही लगाया गया जबकि अचार संहिता इसमें कहीं बाधक नहीं थी।