अवैध निकासी मामले में 40 साल बाद आया फैसला : घोरमारा के तत्कालीन पोस्टमास्टर को 3 साल की सजा
देवघर: खबर हैदेवघर की जहां घोरमारा पोस्टऑफिस के तत्कालीन पोस्टमास्टर भोलानाथ मंडल को खाताधारियों के खाता से अवैध निकासी के आरोप में करीब40साल बाद एसडीजेएम की कोर्ट से सजा सुनाई गई है. अदालत ने पोस्टमास्टर पर अपराध सिद्ध होने के बाद उन्हें दोषी करार देते हुए3साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने उन्हें10हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह मामला वर्ष1983का है.
बताया जा रहा है कि घोरमारा पोस्टऑफिस के पोस्टमास्टर भोला नाथ मंडल ने 1983 में क्षेत्र में कई स्थानीय लोगों का बचत खाता खुलवाया था. चूंकि पोस्टमास्टर भोला नाथ मंडल घोरमारा के ही रहने वाले हैं. इसलिए इनके कहने पर बड़ी संख्या में लोगों ने बचत खाता उन दिनों खुलवाया था. बस इसी का फायदा उठाते हुए इन्ही में से9खाताधारियों के खाते से17हज़ार24रुपये और31पैसे की अवैध निकासी पोस्टमास्टर भोला नाथ मंडल द्वारा फ़र्ज़ी तरीक़े से कर लिया गया था. इस प्रकार की निकासी में न तो खाता धारियों का हस्ताक्षर लिया गया और न ही उनसे अंगूठे का निशान. अपने खाता से बिना अनुमति के निकासी होने की शिकायत खाताधारियों ने मुख्य डाकघर में की थी. तत्कालीन सहायक अधीक्षक पोस्ट द्वारा मामले की गहन जांच की गई. खाताधारियों के आरोप को सही पाते हुए सहायक अधीक्षक डाक गोविंद झा के बयान पर28जुलाई1983को मोहनपुर थाना में कांड संख्या64/1983दर्ज हुआ था.
पुलिस ने मामले का अनुसंधान शुरू किया और 30 अप्रैल 1986 को आरोप पत्र दाखिल किया. इसके बाद केस का ट्रायल हुआ तथा खाताधारकों ने अपनी अपनी गवाही दी. लगभग 40 साल बाद एसडीजेएम रश्मि अग्रवाल की न्यायालय ने आरोपी पोस्टमास्टर को ipc 409 यानी लोक सेवक द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन का दोषी करार देते हुए 3 साल की सश्रम सजा और 10 हज़ार का जुर्माना लगाया. न्यायालय ने जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को अलग से 3 माह का सामान्य कैद की सजा काटनी होगी.