आलमगीर आलम को नहीं मिल रहा भाव ! : पार्टी की जनसभा से अलग-थलग पड़े, राहुल गांधी की रैली से भी गायब दिखे
रांची : झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को कांग्रेस आलाकमान ने चुनाव से अलग-थलग कर दिया है. ऐसा प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की छापेमारी के बाद हुआ. पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का एक दिवसीय झारखंड दौरा मंगलवार सात मई को संपन्न हुआ. राहुल गांधी ने चाईबासा और गुमला में चुनावी जनसभा को संबोधित किया. इन दोनों जनसभाओं में आलमगीर आलम मौजूद नहीं थे. झारखंड विधानसभा में आलमगीर आलम कांग्रेस विधायक दल के नेता भी हैं. ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की जनसभा से इन्हें दरकिनार किया जाना जनता को अलग संदेश दे रहा है. राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा है कि जिस तरह पार्टी के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के यहां आयकर के छापे के बाद बरामद हुए 356 करोड़ की राशि के बाद उन्हें साइडलाइन कर दिया गया. कमोबेश ऐसी ही स्थिति आलमगीर आलम के साथ होनेवाली है.
विभागीय मंत्री के आप्त सचिव संजीव लाल और आरइओ के कई ठेकेदारों और अभियंताओं के यहां हुई छापेमारी के बाद यह बातें सामने आयी है. संजीव लाल और उनके सहयोगी जहांगीर आलम को इडी ने हिरासत में लेते हुए पूछताछ शुरू कर दी है. छह दिनों के लिए दोनों को रिमांड पर लिया गया है. जानकारी के अनुसार अब संजीव लाल के सस्पेंशन की फाइल भी कार्मिक प्रशासनिक और राजभाषा सुधार विभाग की तरफ से मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को भेज दिया गया है. जल्द ही संजीव लाल के सस्पेंशन संबंधी अधिसूचना जारी कर दी जायेगी.
इडी के अधिकारियों ने प्रथम दृष्टया जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें कहा गया है कि पूर्व अभियंता प्रमुख वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी के बाद संजीव लाल ही ग्राम्य अभियंत्रण संगठन (आरइओ), ग्रामीण विकास विभाग और विशेष कार्य प्रमंडल के टेंडर को मैनेज करने का काम करते थे. इसमें जहांगीर आलम, ठेकेदार राजू सिंह, बिल्डर मुन्ना सिंह समेत अन्य का सिंडिकेट काम कर रहा था. इनके द्वारा टेंडर मैनेज करने के लिए कुल प्राक्कलन राशि का 10 से 15 फीसदी तक लिया जाता था. इसमें से आधी रकम नेताओं और अधिकारियों तक पहुंचती थी. सरकार की तरफ से भी इस सिलसिले में विभागीय स्तर पर जांच शुरू कर दी गयी है. विभागीय सचिव के श्रीनिवासन ने इस संबंध में विभाग के अभियंता प्रमुख जेपी सिंह और मुख्य अभियंता प्रमोद सिंह के साथ बैठक बैठक कर रिपोर्ट मांगी है. वैसे भी उन्होंने चार महीने के दौरान हुई निविदा की सारी संचिकाएं भी तलब की है.
रांची से दीपक कुमार की रिपोर्ट..