Bihar : मुख्यमंत्री आवास के घेराव की जोरदार तैयारी, BPSC अभ्यर्थियों के समर्थन में पूरे बिहार से छात्र-युवा पटना के लिए रवाना

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Vigorous preparations to surround Chief Ministers residence Vigorous preparations to surround Chief Ministers residence

PATNA :बीपीएससी अभ्यर्थियों पर बर्बर दमन के खिलाफ छात्र-युवा संगठनों का आक्रोश अब निर्णायक मोड़ पर है. इसी क्रम में कल यानी 3 जनवरी को पटना में मुख्यमंत्री आवास के घेराव का आह्वान किया गया है. इस कार्यक्रम को लेकर जोरदार तैयारियां चल रही हैं. आज पटना के छज्जूबाग में इन संगठनों के शीर्ष नेताओं की एक संयुक्त बैठक आयोजित की गई, जिसमें आंदोलन की रणनीति और अंतिम तैयारियों को लेकर चर्चा की गई.

बैठक में आइसा (AISA) की राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी, सचिव सबीर कुमार, आरवाईए (RYA) के राज्य सह सचिव विनय कुमार, प्रदेश कांग्रेस कमिटी के सदस्य सुशील कुमार, एआईएसएफ (AISF) के राज्य सह सचिव सुधीर कुमार, एआईवाईएफ (AIYF) के राज्य सचिव रौशन कुमार, एसएफआई (SFI) की राज्य अध्यक्ष कांति कुमारी, डीवाईएफआई (DYFI) के प्रदेश अध्यक्ष मनोज चंद्रवंशी और सोशल जस्टिस फॉर आर्मी के गौतम आनंद समेत कई प्रमुख छात्र-युवा नेता शामिल हुए.

बैठक के बाद आइसा राज्य सचिव सबीर कुमार ने कहा कि बिहार सरकार की दमनकारी नीतियों और बीपीएससी (BPSC) में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे राज्य के छात्र-युवा समुदाय में गुस्सा भड़क चुका है. राज्य भर के विभिन्न जिलों और सेंटरों से लोग एकजुट हो रहे हैं. आज रात तक कई जिलों से हजारों की संख्या में छात्र और युवा पटना पहुंचने लगेंगे.

संयुक्त बयान में संगठनों ने कहा कि बीपीएससी में हुई धांधली, बर्बर दमन और निष्पक्ष परीक्षा आयोजित करने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. छात्र-युवा संगठनों का कहना है कि यह घेराव न्याय के पक्ष में आवाज बुलंद करने का प्रयास है, जो सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है.

प्रमुख मांगें

1. बीपीएससी परीक्षा में हुई धांधली की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए. 2. पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ पुनर्परीक्षा हो.

3. छात्र-युवाओं पर दमन बंद किया जाए. आंदोलनों के दौरान हुए बर्बर दमन और फर्जी मुकदमों को तत्काल वापस लिया जाए.

4. शहीद अभ्यर्थी सोनू कुमार के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए.

आंदोलनकारी नेताओं ने कहा कि सरकार को यह समझना चाहिए कि छात्र-युवा समुदाय बिहार की रीढ़ है, और उनकी मांगों की अनदेखी किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं होगी. छात्र-युवा नेताओं ने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी चुप्पी तोड़नी होगी.