कब्र से निकली लाश की गवाही... : फिर मिलार्ड ने सुनाया बड़ा फैसला, जानें क्या है माजरा

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Testimony of the dead body that came out of the grave... Then Millard announced a big decision, know what is the matter Testimony of the dead body that came out of the grave... Then Millard announced a big decision, know what is the matter

DESK : बेहद ही अजीबो गरीब मामला सामने आ रहा है जहां एक मर्डर केस के सुनवाई के दौरान जज साहब ने मुर्दे को गवाही के लिए कोर्ट में बुलवा लिया। जज के आदेश पर कब्र से निकली लाश ने अदालत में गवाही देकर उसके हत्यारों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। वहीं हैरानी की बात तो यह है कि हत्याकांड को अंजाम मुर्दे की पत्नी और उसके सगे साले ने ही दिया।


मामला यूपी का बताया जा रहा है जहां डीजीसी क्रिमिनल दिलीप अवस्थी और अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ओंकार नाथ वर्मा ने बताया कि जौनपुर कोतवाली निवासी सैय्यद सरदार हुसैन ने नौबस्ता थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उनके मुताबिक 20 जून 2015 को उनके न्यू सरदार ट्रांसपोर्ट के मालिक बेटे सैय्यद जफर अब्बास उर्फ आबिद हुसैन को उसकी पत्नी प्रयागराज के करेली निवासी नफीस फातिमा उर्फ शमा और साले फराज ने मछरिया में जहर देकर मार दिया है।


साला बेटे के साथ ट्रांसपोर्ट का काम ही करता था। आनन-फानन में ससुरालियों ने शव को जौनपुर के सदर इमामबाड़े में दफना भी दिया। मामले में नौबस्ता पुलिस ने पत्नी और साले के खिलाफ चार्जशीट भेजी। कोर्ट के समक्ष मृतक ट्रांसपोर्टर के भाई आरिफ अब्बास और मोहम्मद अब्बास समेत 15 लोगों ने गवाही दी। इसमें संपत्ति की लालच में आए दिन लड़ाई झगड़ा करने की बात भी सामने आई।


इस दौरान ही कोर्ट के आदेश पर नौबस्ता पुलिस ने जौनपुर जाकर शव को कब्र से निकाला। फिर उसका पोस्टमार्टम कराया। रिपोर्ट में जहर की पुष्टि भी हो गई। कोर्ट ने सबूतों और गवाह के आधार पर सजा सुनाई। हत्यारे भाई-बहन पर 35-35 हजार का अर्थदंड लगाया। जुर्माना न देने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। बताया जा रहा है कि दोनों ने वारदात को अंजाम देने के बाद जौनपुर जाकर पति का शव दफना दिया था। जफर के नाम पर कई ट्रक और संपत्ति थी। इसलिए साला व पत्नी को लालच आ गया। वह जफर को रास्ते से हटाकर सब अपने नाम करना चाहते थे।


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