साहेबगंज में गंगा के जलस्तर में वृद्धि : दियारावासियों के बीच भय का माहौल, अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित होने वाले इलाकों का लिया जायजा

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साहेबगंज : झारखंड राज्य का एकमात्र जिला साहेबगंज है जहां से होकर गंगा नदी बहती है. ये जिला वासियों के लिए वरदान तो है लेकिन बरसात के मौसम में यही गंगा अभिशाप के रूप में उभर कर सामने आती है. राज्य में हर साल साहेबगंज में बाढ़ का खतरा बना रहता है. इस वर्ष भी गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से यहां बाढ़ की स्थिति बनती जा रही है.


यहां पिछले कुछ दिनों से गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी के निशान 26.25 को पार कर अब खतरे के निशान 27.25 के पास पहुंचने को है. गंगा के लगातार बढ़ते जलस्तर से पूरे दियारावासी जान माल की सुरक्षा को लेकर चिंतित होने लगे हैं.


बाढ़ की स्थिति होने पर जिले में दियारा क्षेत्रों के रामपुर दियारा, बलवा दियारा, हरप्रसाद दियारा, किशन प्रसाद दियारा, गदाई दियारा, काला दियारा, गोपालपुर दियारा, कारगिल, गरम टोला, लाल बथानी, रामपुर दुर्गा स्थान, कारगिल दियारा, मखमलपुर, शोभापुर, नारायणपुर, श्रीधर दियारा, प्राणपुर दियारा अधिक प्रभावित होता है. इससे इन क्षेत्रों के ग्रामीण काफी परेशान होते हैं. दरअसल बीते वर्षों में आई बाढ़ से जिले का तालझारी,सदर प्रखंड,राजमहल,उधवा और बरहरवा समेत 6 प्रखंडों के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ जाता है. इससे इन इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को बड़े पैमाने पर फसल के साथ-साथ जानमाल का नुकसान उठाना पड़ता है. इस बार भी लगभग वैसी ही स्थिति बनती जा रही है. गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से इलाकों के किसानों के सैकड़ो एकड़ जमीन पर लगा गन्ना, मक्का, धान व सब्जी की फसल पानी में डूब गया. अगर जल स्तर में यूं ही बढ़ोतरी होती रही तो क्षेत्र में और भी तबाही का मंजर देखने को मिल सकता है. वहीं हमारे साहेबगंज संवाददाता ने तालझारी बीडीओ से प्रखंड के बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में जाकर वस्तु स्थिति जानी.


वहीं जिला प्रशासन द्वारा ज़िले भर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का आकलन किया जा रहा है. हालांकि अभी बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है. फिर भी बाढ़ को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है. किसी भी स्थिति से निबटने के लिए पूरी तरह तैयार है.

इधर जल स्तर में वृद्धि को देखते हुए लोग सूखा व सुरक्षित ठिकानों पर आशियाना तलाशने में लग गए हैं. विशेषकर मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की जुगत में हैं. वहीं दियारा क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि जल्द से जल्द पशुचारा,रहने के लिए सुरक्षित स्थान और राहत शिविर की समुचित व्यवस्था हो.