सत्र का समापन...PM का संबोधन : प्रधानमंत्री ने स्पीकर का किया गुणगान, कहा : विरोध के बावजूद नहीं रूकने दिया काम, लिए गये कई बड़े फैसले

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 Prime Minister praised the Speaker  Prime Minister praised the Speaker

NEW DELHI : संसद के बजट सत्र का शनिवार यानी आज आखिरी दिन है। इस मौके पर पीएम मोदी संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के इस संबोधन को लोकसभा के कई सांसदों के लिए फेयरवेल स्पीच भी बताया जा रहा है क्योंकि इसके बाद लोकसभा का चुनाव होना है और वर्तमान लोकसभा के कई सांसद अगली लोकसभा के सदस्य नहीं रहेंगे।


प्रधानमंत्री ने स्पीकर का किया गुणगान

आज संसद में राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया है. इस पर सभी नेताओं ने भाषण दिया. वहीं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में भाषण दे रहे हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सदन के नेता और एक सहयोगी के रूप में आप सभी को धन्यवाद. अध्यक्ष महोदय, मैं आपको धन्यवाद देता हूं. आपके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है. आपने हर स्थिति को धैर्य और स्वतंत्रता के साथ निपटाया है. इन पांच वर्षों में मानवता इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती से निपटी. ऐसी स्थिति थी.. सदन में आना एक चुनौती थी. अध्यक्ष महोदय, आपने सुनिश्चित किया कि सभी उपाय किए जाएं और देश का काम कभी न रुके.

कोरोना काल में भत्ता छोड़ने के लिए सांसदों का धन्यवाद

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं संकट के उस समय में अपना भत्ता छोड़ने के लिए सभी सांसदों की सराहना करता हूं. किसी ने इस पर दोबारा विचार नहीं किया. कोरोना काल के दौरान सांसदों ने लोगों को संदेश देते हुए वेतन में 30% की कटौती करने का फैसला किया था. मीडिया आम तौर पर अपने लाभों के लिए सांसदों की आलोचना करता है. आपने तय किया कि एमपी कैंटीन में हर कोई बाहर के बराबर ही भुगतान करेगा. आपने हमारा मजाक उड़ाने वालों को रोक दिया.

स्पीकर की जमकर की तारीफ़

पीएम मोदी ने 17वीं लोकसभा के आखिरी दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को हर स्थिति में हमेशा मुस्कुराते हुए देखा। पीएम मोदी ने कहा कि सांसदों ने अपने आचरण से समाज को विश्वास करने के लिए अपनी सैलरी से 30 प्रतिशत की कटौती का फैसला खुद किया। आपने (स्पीकर) निर्णय किया कि सबके लिए समान रेट होगा कैंटीन में और सभी सांसदों ने बिना विरोध किए स्वीकार किया।

ये भी सही है कि इस कालखंड में जी-20 की अध्यक्षता भारत को मिली। भारत को बहुत सम्मान मिला। देश के हर राज्य ने अपने अपने तरीके से विश्व के सामने भारत का सामर्थ्य और अपने राज्य की पहचान प्रस्तुत की। इसके अलावा आपके (स्पीकर) नेतृत्व में पी-20 का सम्मेलन हुआ। आपने भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को विश्व के सामने रखा।

पीएम मोदी ने कहा कि "आज का ये दिवस लोकतंत्र की एक महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस है। 17वीं लोकसभा ने 5 वर्ष देश सेवा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किए गए और अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए भी सबने अपने सामर्थ्य से देश को उचित दिशा देने का प्रयास किया।"

17वीं लोकसभा में बने कई बेंचमार्क

इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 17वीं लोकसभा ने नई बेंचमार्क बनाए हैं। हमारे संविधान लागू होने के 75 वर्ष भी इसी कालखंड में पूरे हुए। इस कार्यकाल में बहुत ही रिफॉर्म हुए। गेमचेंजर 21वीं सदी की मजबूत नींव उन सारी बातों में नजर आती है। एक बड़े बदलाव की तरफ तेज गति से आगे बढ़ा है। हम संतोष से कह सकते हैं कि हमारी अनेक पीढ़ियां जिन बातों का इंतजार करती थीं, वैसे बहुत से ख्बाव 17वीं लोकसभा के माध्यम से पूरे हुए।

'पीढ़ियों का इंतजार हुआ खत्म'

पीएम मोदी ने कहा कि पीढ़ियों का इंतजार पूरा हुआ। अनेक पीढ़ियों ने एक संविधान का सपना देखा था लेकिन हर पल एक रुकावट चुभती थी लेकिन इसी सदन ने आर्टिकल 370 को हटाकर संविधान के पूर्ण रूप को पूर्ण प्रकाश के साथ उसका प्रकटीकरण किया। संविधान बनाने वाले महापुरुषों की आत्मा हमें आशीर्वाद दे रही होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नया संसद भवन हमारी विरासत और स्वतंत्रता की भावना को समाहित करता है, जिसे हमने पहली बार 1947 में अनुभव किया था। पवित्र सेंगोल हमारी आने वाली पीढ़ियों को उन आदर्शों की याद दिलाएगा, जिनका हम पालन करते हैं और चुनौतीपूर्ण समय के दौरान उन्हें प्रेरणा देते रहेंगे। तीन तलाक और नारी शक्ति के सम्मान का काम 17वीं लोकसभा ने किया है। नारी शक्ति के हक़ में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। धारा 370 के 17वीं शताब्दी में हटाया गया है।

पीएम ने कहा कि देश के हर गली-मोहल्ले में बच्चा-बच्चा बोल रहा है कि आने वाले 25 सालों में हम विकसित भारत बन जाएंगे। हर किसी का सपना देखा है और कुछ लोगों ने इस बात का संकल्प बना लिया है। संसद का नया भवन होना चाहिए, इसकी चर्चा सबने की, सामूहिक रूप से की, लेकिन निर्णय नहीं होता था। ये आपका नेतृत्व है जिसने निर्णय किया और इसी का परिणाम है कि आज देश को ये नया संसद भवन प्राप्त हुआ है। एक संसद के नए भवन में एक विरासत का अंश और जो आजादी की पहला पल था, उसको जीवंत रखने का हमेशा-हमेशा हमारे मार्गदर्शक रूप में सेंगोल को यहां स्थापित करने का काम किया गया।

संसद में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को सामाजिक न्याय से वंचित रखा गया था। आज हमें संतोष है कि सामाजिक न्याय जम्मू-कश्मीर के लोगों तक पहुंचाया। आतंकवाद नासूर बन गया था। देश के सीने पर गोलियां चलाता था। मां भारती की धरा आए दिन रक्तरंजित हो जाती थीं। हमने आतंकवाद के विरुद्ध सख्त कानून बनाए। इसी सदन में बनाए। उससे आतंक से पीड़ित लोगों को बल मिला। भारत के पूर्ण रूप से आतंकवाद से मुक्ति का सपना भी पूरा होकर रहेगा।

पेपरलीक को लेकर बने अहम कानून

इसके साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पांच सालों में युवाओं के लिए अहम फैसले लिए गए। पेपर लीक को लेकर हमने अहम कानून बनाए हैं। सभी सांसदों ने देश के युवाओं के हक में महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। परिवर्तन के लिए अनुसंधान जरूरी है। पांच सालों में अनुसंधान को प्रोत्साहन देने का भी काम किया है।

डेटा प्रोटेक्शन बिल लाकर युवा पीढ़ी को दिया शस्त्र

पीएम मोदी ने कहा कि डेटा प्रोटेक्शन बिल लाकर युवा पीढ़ी को एक शस्त्र दिया है, जिसे आने वाले समय में वह सही से इस्तेमाल करेंगे। दुनिया के कई देश इस एक्ट के प्रति आकर्षित हुए हैं। इस बिल में सभी जरूरी बातें दी गई है। भारत विविधता से भरा देश है, जिसके पास बहुत बड़ा डेटा है।

पीएम मोदी ने 17वीं लोसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे विश्वास है कि जैसे ही हम 17वीं लोकसभा का समापन करेंगे, हम 100% से अधिक उत्पादकता हासिल करने के संकल्प के साथ 18वीं लोकसभा में प्रवेश करेंगे। PM मोदी ने कहा कि आने वाले 25 वर्ष हमारे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। राजनीति की गहमागहमी अपनी जगह है लेकिन देश की आकांक्षा, देश का सपना, देश का संकल्प बन गया है कि आने वाले 25 साल में देश इच्छित परिणाम प्राप्त करके रहेगा। मैं आज देख रहा हूं कि देश में जज्बा पैदा हुआ है कि 25 साल में विकसित भारत बनेगा। कुछ लोगों ने सपने को संकल्प बना लिया है, कुछ देर कर रहे हैं लेकिन जुड़ेंगे वे भी। जो न सपने से जुड़े हैं न संकल्प से, वे भी तब फल खाएंगे ही खाएंगे।

बहुत-सी रुकावटों को हटाना होगा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश को आगे बढ़ने के लिए बहुत-सी रुकावटों को हटाना होगा। हमने बहुत-से गैर-जरूरी कानूनों को हटाया है। छोटे-छोटे मामलों में जेल की सजा थी। नागरिक पर भरोसी बढ़ाने का काम 17वीं लोकसभा ने किया है। 180 के ज्यादा प्रावधान बदले गए हैं, जो इसी सदन के सांसदों ने किया है। मध्यस्थता का काम सांसदों ने जिम्मेदारी से पूरा किया है।

संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि "इस कार्यकाल में बहुत सारे रिफॉर्म्स हुए हैं। 21वीं सदी के भारत की मजबूत नींव उन सारी बातों में नजर आती है। बदलाव की तरफ देश तेज गति से आगे बढ़ा है और सदन के सभी साथियों ने अपनी हिस्सेदारी निभाई है।"

यह सत्र गेम चेंजर रहा! 21वीं सदी के भारत की नींव रखते हुए विभिन्न सुधार लागू किए गए हैं। भारत अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ा है। मैं यह बात अत्यंत संतुष्टि के साथ कह सकता हूं कि जिन बदलावों का पिछली पीढ़ियों ने लंबे समय से इंतजार किया था, वे 17वीं लोकसभा के दौरान साकार हुए हैं।