जल संसाधन प्रबंधन पर हुई अहम बैठक : कोसी-मेची लिंक परियोजना पर विस्तार से हुई चर्चा, गाद प्रबंधन नीति पर भी हुआ विमर्श

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Important meeting held on water resources management Important meeting held on water resources management

PATNA :बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में सचिव, जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग देबाश्री मुखर्जी के साथ नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में बिहार के जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल एवं विभाग के वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

उक्त बैठक का उद्देश्य जल संसाधन विभाग से जुड़े विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करना और उनके निराकरण हेतु ठोस उपायों को लागू करना था। बैठक में सबसे पहले कोसी-मेची लिंक परियोजना पर विस्तार से चर्चा की गई। यह परियोजना न केवल बाढ़ नियंत्रण बल्कि सिंचाई और जल आपूर्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है। परियोजना के क्रियान्वयन की प्रगति और इसमें आ रही चुनौतियों पर विचार करते हुए इसे शीघ्र पूरा करने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा की गई।

इंद्रपुरी जलाशय योजना और तिलैया ढ़ाढर अपसरण योजना पर चर्चा हुई। इन योजनाओं के तहत जल संचयन, वितरण और जलाशयों के समुचित प्रबंधन पर विचार किया गया ताकि इससे जुड़े सभी लाभार्थियों को बेहतर सेवाएं मिल सकें। साथ ही गंगा नदी में पर्यावरणीय प्रवाह का निर्धारण भी बैठक का एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा। गंगा के सतत प्रवाह को बनाए रखने और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से इसका संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरणीय प्रवाह के मानकों को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया गया।

गंगा नदी में पर्यावरणीय प्रवाह के निर्धारण पर विशेष ध्यान दिया गया, जिससे गंगा नदी की सतत प्रवाह सुनिश्चित हो सके। बैठक में व्यापक गाद प्रबंधन नीति पर भी चर्चा हुई। बिहार की नदियों में गाद की समस्या को नियंत्रित करने और इसके प्रभावी प्रबंधन के लिए एक व्यापक और वैज्ञानिक नीति की आवश्यकता पर बल दिया गया। इसके लिए नदियों में गाद हटाने और उनके पुनः भराव को नियंत्रित करने के ठोस उपायों पर विचार किया गया।

साथ ही जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार के अधिकारियों को ज्वाइंट प्रोजेक्ट ऑफिस में शामिल करने का मुद्दा उठाया गया ताकि बिहार के जल संसाधन प्रबंधन परियोजनाओं में राज्य सरकार की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा, नेपाल में प्रस्तावित वाटर ट्रांसफर/डायवर्सन परियोजनाओं पर भी चर्चा की गई, जो क्षेत्रीय जल संसाधन प्रबंधन के लिए अहम हैं।

जल संसाधन के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने कहा कि बैठक में बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने और बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करने के उपायों पर चर्चा की गई। यह बैठक निश्चित ही बिहार में जल संसाधन प्रबंधन को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।