BIHAR POLITICS : पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर- CM नीतीश ने मेरी बात मानी,केके पाठक को भिड़ने में मजा आता है..

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Former Education Minister Professor Chandrashekhar- CM Nitish listened to me, KK Pathak enjoys confrontation Former Education Minister Professor Chandrashekhar- CM Nitish listened to me, KK Pathak enjoys confrontation

PATNA:-शिक्षा मंत्री के रूप में अधिकांश मुद्दो पर चुप रहने वाले प्रोफेसर चन्द्रशेखर मंत्री पद जाने के बाद खूब बोले...विधानसभा में जल संसाधन विभाग के बजट पर चर्चा में शामिल प्रोफेसर चन्द्रेशखर ने सीएम नीतीश,के साथ ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को लेकर खुल कर अपनी बात रखी.उनकी बेबाक टिप्पणी को लेकर विधानसभा स्पीकर और सत्ताधारी दल के विधायकों ने टोक-टोकी भी की.जब पूर्व शिक्षा मंत्री ने आपने कार्यकाल के कई राज सदन मे खोलने शुरू किए तो स्पीकर ने पूर्व मंत्री को टोकते हुए कहा कि आपने पद और गोपनीयता की शपथ ली है.इसलिए कैबिनेट की बातें यहां कैसे सार्वजनिक कर सकते हैं


जल संसाधन विभाग के बजट पर चर्चा में शामिल प्रोफेसर चन्द्रेशखर अपने शिक्षा विभाग के कार्यकाल पर बोलने लगे.प्रोफेसर चन्द्रशेखर ने कहा कि मैं बड़े भाई के रूप में cm नीतीश कुमार का पैर छूता हूं. ये मेरा निजी मामला है, लेकिन जब सिद्धांतविहीन राजनीति की बात आती है तो मेरा स्टैंड अलग होगा..इस पर


Bjp विधायक संजय सरावगी ने चंद्रशेखर के भाषण पर टोका और कहा कि चर्चा जल संसाधन विभाग पर है और ये शिक्षा पर बोल रहे. क्या इन्होंने मंत्री रहते हुए बहाली पर साइन किया था.इसके जवाब में चन्द्रशेखर ने कहा कि तेजस्वी यादव ने कहा मुझे दस लाख नौकरी देनी है. मैंने cm से मुलाक़ात नहीं की,बल्कि मंत्री बनने के बाद मैंने शिक्षक संगठन से मुलाक़ात की.अधिकारियो से बात की. उसके बाद cm से मिला.

मैंने cm से कहा शिक्षा दान योजना लागू किया जाए.मेरी इच्छा थी अधिकारी कक्षा मे जायं. अधिकारी क्लासरूम मे जाएं. विजय चौधरी ने भी सहमति दें दी. लेकिन बाद में उन्होंने लागू नहीं किया.प्रो चंद्रशेखर ने कहा कि मैंने ही लगातार कहा.5-6 मुलाक़ात की और कहा की BPSC से शिक्षक की बहाली हो.लालू प्रसाद के समय ही 25 हजार bpsc से शिक्षकों की बहाली हुई थी.. उसके बाद अब बहाली हुई.2015 मे हमने शिक्षकों का वेतन 9 हजार से 18 हजार बढ़ाया..2023 मे शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए इसका प्रस्ताव दिया..मेरी हर मांग को मान लिया गया..

प्रफेसर चन्द्रशेखर ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति की अधिसूचना नए acs के आने से पहले हुई.. इसमें उनका क्या योगदान.. नए acs आते ही bpsc चेयरमैन से भीड़ गए उनको भिड़ने मे पता नहीं क्या रोचक लगता है...डोमिसाइल के मामले पर मैंने लगातार कहा.. डोमिसाइल लागू कीजिए.. उत्तराखंड का मैंने उदाहरण दिया.... पहले स्वीकार किया गया लेकिन बाद मे निरस्त कर दिया...मेरी सलाह से ही निगेटिव मार्किंग हटी. पदस्थापन की क्रूर नीतियों के कारण कई शिक्षकों ने ज्वाइन नहीं किया. शिक्षा मंत्री श्वेत पत्र जारी करें कितने शिक्षकों ने ज्वाइन किया.2015 से लेकर आज तक शिक्षा विभाग की जांच कराएं.. सदन की उच्च कमिटी से जाँच कराए.. सुप्रीम कोर्ट के जज से जाँच कराएं...आउटसोर्सिंग बहाली मे आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया.


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