Bihar : बिहार में जैव विविधता संरक्षण को मिलेगी नई दिशा, समीक्षा बैठक में लिए गए कई अहम फैसले

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 Biodiversity conservation will get new direction in Bihar  Biodiversity conservation will get new direction in Bihar

PATNA :पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार की अध्यक्षता में अरण्य भवन स्थित कार्यालय कक्ष में बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद से संबंधित विषयों पर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जैव विविधता प्रबंधन समितियों (BMC) की अद्यतन स्थिति, विरासत वृक्षों और स्थलों की पहचान, शोध-अध्ययन और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर चर्चा की गई।

मुख्य निर्णय और घोषणाएं :

1. जैव विविधता विरासत वृक्षों की घोषणा :

पहले चरण में 4 जिलों (मुंगेर, भागलपुर, जमुई, बक्सर) में 8 प्रजातियों के 40 विशेष वृक्षों को "जैव विविधता विरासत वृक्ष" घोषित करने की तैयारी। इनमें पीपल, पाकड़, बरगद, नीम, कनकचंपा, इमली, सेमल, और महुआ शामिल हैं। "जैव विविधता विरासत वृक्ष" की घोषणा पुस्तिका दिसंबर 2024 में प्रकाशित की जाएगी।

2. जैव विविधता विरासत स्थल :

नालंदा, औरंगाबाद और सारण वन प्रमंडल में चिह्नित स्थलों का वैज्ञानिक अध्ययन प्रगति पर है। इन स्थलों पर विस्तृत शोध के बाद विरासत स्थल घोषित किया जाएगा।

3. जैव विविधता रणनीति और कार्य योजना :

  1. अगले 15 वर्षों के लिए राज्य स्तरीय फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना।
  2. विशेषज्ञों की सलाह के साथ जुलाई 2024 में विशेष बैठक आयोजित होगी।
  3. मार्च 2025 तक फ्रेमवर्क डॉक्यूमेंट तैयार करने का लक्ष्य।

4. क्षमता संवर्धन और प्रशिक्षण:

  1. 38 जिलों में अनुमंडल स्तर पर BMC सदस्यों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला।
  2. जैव विविधता संरक्षण अधिनियम, नियम, और प्रक्रियाओं पर दिशा-निर्देश पुस्तिका का प्रकाशन।

5. रिक्त पदों पर नियोजन :

बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद पटना के कार्यालय में रिक्त पदों पर नियोजन कार्य शीघ्र पूरा किया जाएगा।

6. शोध और अध्ययन :

राज्य के अनुसंधान केंद्रों और प्रबंधन संस्थानों से जैव विविधता पर शोध प्रस्ताव मांगे गए। इन प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय पर्षद की अनुश्रवण समिति के माध्यम से लिया जाएगा।

मंत्री का संदेश :

मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि जैव विविधता संरक्षण के लिए विभाग समर्पित है और सभी स्तरों पर समितियों की भूमिका को सशक्त बनाया जाएगा। उन्होंने विभागीय कार्यक्रमों में BMC सदस्यों को शामिल करने और प्रशिक्षण कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए।

आगे की योजनाएं :

जैव विविधता विरासत वृक्षों और स्थलों के संरक्षण के साथ राज्य में जैव विविधता जागरूकता बढ़ाने और अनुसंधान को प्राथमिकता दी जाएगी। पर्यावरण संरक्षण को लेकर विभाग की यह पहल बिहार को एक नई पहचान दिलाने में मदद करेगी।