बिहार पॉल्ट्री एंड एक्वा एक्सपो का समापन : मंत्री मंगल पाण्डेय का बड़ा बयान, कहा : 'तकनीक के साथ आगे बढ़ने से होगी तरक्की
PATNA :बिहार पॉल्ट्री एंड एक्वा एक्सपो का शनिवार को समापन हो गया। पटना के ज्ञान भवन में तीन दिनों तक चले एक्सपो के समापन समारोह में कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय और पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की मंत्री रेणु देवी ने शिरकत की।
बिहार पॉल्ट्री एंड एक्वा एक्सपो का समापन
समारोह के मुख्य अतिथि मंगल पाण्डेय ने कहा कि मुर्गीपालन और मत्स्य पालन के क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल से तरक्की होगी। किसानों को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में तकनीक के साथ आगे बढ़ोगे तो तरक्की होगी। एक्सपो को सफल बताते हुए मंगल पाण्डेय ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से माहौल और वातावरण बनता है। किसानों और इस क्षेत्र में लगी कंपनियां अपने व्यापार को आगे बढ़ाने की संभावना तलाशती हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि कुल सकल राज्य मूल्यवर्धन में पशुपालन और मत्स्य पालन का योगदान 20 प्रतिशत है। मछलीपालन के क्षेत्र में बिहार आत्मनिर्भर हो गया है। अब गांवों में भी ताजी मछलियां मिलती हैं। मंगल पाण्डेय ने कहा कि मछली खाने से लोग इंटेलिजेंट होते हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार में पिछले एक दशक में दूध उत्पादन में 116 प्रतिशत, अंडा उत्पादन में 260 प्रतिशत, मांस में 120 प्रतिशत और मछली उत्पादन में 193 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
'तकनीक के साथ आगे बढ़ने से होगी तरक्की'
मंगल पाण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में कृषि रोड मैप के माध्यम से बिहार में कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में काफी तरक्की हुई है। कृषि मंत्री ने कहा कि तकनीक के इस्तेमाल से ढाई फीट गहरे पानी में भी मछली पालन हो रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की मंत्री रेणु देवी ने कहा कि मत्स्य उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर के साथ-साथ निर्यातक हो गया है। 38 हजार मीट्रिक टन मछली पड़ोस के राज्यों में निर्यात किया जा रहा है। बिहार के 56,607 मत्स्य पालकों को प्रशिक्षित किया गया है।
रेणु देवी ने बताया कि नदी पुनर्स्थापन कार्यक्रम के तहत गंगा की 11 सहायक नदियों में एक करोड़ मछलियां छोड़ी जाएंगी। बिहार पॉल्ट्री एंड एक्वा एक्सपो के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाली पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने अपने संबोधन में पॉल्ट्री एवं मछली पालन को सनराइज सेक्टर बताया। उन्होंने कहा कि बिहार में 8.79 लाख मीट्रिक टन मछली उत्पादन हो रहा है। राज्य में मौजूद 9 लाख हेक्टेयर चौर क्षेत्र में 10-20 हजार हेक्टेयर चौर क्षेत्र को विकसित करने से मछली उत्पादन में काफी बढ़ोत्तरी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मत्स्य पालन और उत्पादन में वृद्धि हो रही है। डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने कहा कि मुर्गीपालन और मत्स्य पालन से बिहार के किसानों और उद्यमियों को 80-90 हजार करोड़ की आय हो रही है। इस अवसर पर मंगल पाण्डेय और रेणु देवी ने संयुक्त रूप से आइसकंटेनर युक्त 25 साइकिल का वितरण किया। मछलियों की बिक्री में इनका इस्तेमाल होगा। दोनों मंत्रियों ने अंडा विक्रय स्टॉल का भी उद्घाटन किया।
इस अवसर पर मत्स्य निदेशक अभिषेक कुमार, पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डीआर सिंह भी मौजूद थे। आयोजक संस्था कृषिका एवं राइटर्स एंड क्रिएटर्स के प्रमुख राकेश कश्यप ने बताया कि 2019 और 2022 के बाद लगातार तीसरी बार बिहार पॉल्ट्री एंड एक्वा एक्सपो का आयोजन किया गया। इस बार 64 कंपनियों के 130 स्टॉल लगे। पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के स्टॉल भी लगे थे। बिहार पॉल्ट्री एंड एक्वा एक्सपो का अगला आयोजन वर्ष 2026 में होगा।