पुलिस वालों की सीख दे गये एसके सिंघल : विदाई समारोह में भावुक होकर बोले- मान-सम्मान से समझौता नहीं करना चाहिए
PATNA : 36 वर्ष की सेवा के बाद सोमवार को बिहार के डीजीपी एसके सिंघल रिटायर हो गये हैं। पटना के मिथिलेश स्टेडियम में उनके सम्मान में वदाई समारोह का आयोजन किया गया है। जहां उन्हें बिहार पुलिस के जवानों ने सलामी दी। इस मौके पर निवर्तमान डीजीपी ने पुलिस वालों को सफलता का मूल मंत्र देते हुए कहा कि जो दूसरों के बारे में सोचेंगे तो दूसरे भी उनके बारे में सोचेंगे और साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कभी भी अपने मान-सम्मान से समझौता मत करना।
बिहार के पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल के रिटायरमेंट के मौके पर उन्हें सम्मानित किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में जो कार्य अधूरे रह गये हैं उन्हें नये डीजीपी ( आरएस भट्टी) पूरा करेंगे इसके लिए मैं उन्हें अग्रिम बधाई देता हूं । सिंघल ने कहा कि मैनें अपने कार्यकाल में कई उतार-चढ़ाव देखें। लेकिन पुलिस अपने काम में विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि सभी को दिल की गहराईयों से बधाई देता हूं आज मैं बहुत ही खुश और संतुष्ट हूं । मुझे ऐसी सेवा करने का अवसर दिया गया है। आज बिहार पुलिस काफी मजबूती से खड़ी है। आज हम सक्षम है कि हर रैंक के अधिकारी को बेसिक ट्रेनिंग दे सकें।
एसके सिंघल ने कहा कि दो वर्ष के कार्यकाल में पुलिस विभाग में 26 हजार से ज्यादा नियुक्तियां की गयीं। उन्होंने कहा कि बिहार के पास इस वक्त बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। बिहार पुलिस में 1 लाख 19 हजार 319 जवान बहाल है जिसमें 92584 पुरुष जवान है तो महिला जवानों की संख्या 28994 है। उन्होंने बताया कि महिला पुलिस बल में बिहार में 450 और नियुक्तियां होंगी तो बिहार महिलाओं की बहाली में नंबर वन पोजीशन हासिल कर लेगा।
निवर्तमान डीजीपी एसके सिंघल ने जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि जापान जो मुल्क है जो खुद के बारे में कभी नहीं सोचता दूसरों के बारे में सोचता है।उससे हमे सीख लेने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि मैनें काफी सोच कर दो बातें आपको कहने के लिए जुटाई हैं।उन्होंने कहा कि अगर हम आज दूसरों के बारे में सोचेंगे तो कल को वह शख्स आपके बारे में भी सोचेगा। जापान इसका बड़ा उदाहरण है। वहीं दूसरी सीख के तौर पर उन्होंने कहा कि चाहे किसी भी रैंक का अधिकारी हो या फिर पुलिस का जवान कभी भी अपने मान-सम्मान से समझौता मत करना।