गयाजी में इस साल भी नहीं होगा पितृपक्ष महासंगम का आयोजन

Edited By:  |
23089 23089

सीमित संख्या में तीर्थयात्री कर पायेगें पिंडदान और तर्पण

PATNA:- इस साल पितृपक्ष 20 सितंबर से शुरू हो रहा है जो 6 अक्टूबर तक चलेगा ,पर कोरोना की वजह से लगातार तीसरे साल मोक्ष नगरी गया में पितृपक्ष महासंगम का आयोजन बिहार सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है।इस साल विष्णुपद मंदिर खुले रहेगें और सनातन धर्मावलंबी सीमित संख्या में पिंडदान और तर्पण कर सकेगें।गौरतलब है कि कोरोना की वजह से पिछले साल भी पितृपक्ष महासंगम का आयोजन नहीं किया गया था और जिला प्रशासन के द्वारा तीर्थयात्रियों के गया में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गयी थी,पर इस साल सीमित संख्या में पिंडदान और तर्पण करने का अनुमति दी जा रही है।

प्रभारी मंत्री शहनवाज हुसैन ने दिया विशेष निर्देश

पितृपक्ष को लेकर बिहार सरकार के उद्योग मंत्री सह गया जिला के प्रभारी मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि सरकार तथा जिला प्रशासन द्वारा पितृपक्ष मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा है,इसके बावजूद सनातन धर्म को मानने वाले श्रद्धालु पितृतर्पण करने गया आ सकते हैं।जो लोग पितृतर्पण करने गया आएंगे, वे गया से संबंधित सकारात्मक संदेश लेकर जा सके, यह आवश्यक है।लोगों के जेहन में गया कि अच्छी तस्वीर बने, इसके लिए साफ सफाई तथा आने वाले लोगों का सुविधायुक्त स्वागत किया जाए। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि ज़िले में सफाई की वैकल्पिक व्यवस्था हो, ताकि बाहर से आने वाले लोग गया के बारे में अच्छी धारणा लेकर जाए। उन्हौने कहा कि टीम बनाकर कार्य किया जाए तथा बाहर से आने वाले लोगों से अच्छा व्यवहार किया जाए ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। साथ ही 24×7 नियंत्रण कक्ष (कॉल सेंटर) की स्थापना का भी उन्हौने निर्देश दिया।

तीर्थयात्रियों से समूह में नहीं आने की अपील

गौरतलब है कि पितृपक्ष के दौरान लाखो सनातन धर्मावलंबी गया में अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण करने आतें हैं।पितृपक्ष मेला को बिहार सरकार ने राजकीय मेला घोषित किया हुआ है और इस दौरान सरकार द्वारा 15 दिन के लिए कई तरह के इंतजाम किये जातें हैं।साफ-सफाई के लिए कर्मियों के साथ ही सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाती है।तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए विशेष इंतजाम किया जाता है पर इस साल जिला प्रशासन या सरकार द्वारा इस तरह का इंतजाम नहीं किया जा रहा है,क्योकि कोरोना की वजह से सरकार विशेष भीड़-भाड़ नहीं लगाना चाहती है।इसलिए इस साल मेला का आयोजन नहीं किया जा रहा है।इसको लेकर डीएम अभिषेक सिंह ने बाहर से आनेवाले तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे कोरोना संक्रमण के कारण पितृतर्पण के लिए यथासंभव गया जिला न आयें..इसके साथ ही बड़े समूह या ग्रुप में आने पर प्रतिबंधित किया गया है।बाहर से आनेवाले तीर्थयात्रियों के लिए कोरोना जांच अनिवार्य किया गया है,जिन्हौने कोरोना का टीका नहीं लिया है,उन्हें कोरोना टीका भी दिया जायेगा।

गयाजी में पिंडदान का धार्मिक महत्व

सनातन धर्म में श्राद्ध का काफी महत्व है. पितृपक्ष का आरंभ आश्विन मास महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से होता है जो आश्विन अमावस्या तिथि को समाप्त होता है. हिन्दू धर्म में माता-पिता की सेवा को काफी महत्व दिया गया है।इसलिए हिंदू धर्म शास्त्रों में पितरों का उद्धार करने के लिए पुत्र का पिंडदान करना महत्वपूर्ण माना गया है.इस अवसर पर गयाजी में देश-विदेश के सनातन धर्मावलंबी पिंडदान और तर्पण करने आतें हैं।गया में पिंडदान को लेकर कई धार्मिक मान्यताये प्रचलित हैं।यही वजह से है कि पितृपक्ष के दौरान देश विदेश के लाखों तीर्थयात्री गया में पिंडदान और तर्पण करने आतें हैं।

अरूण चौरसिया,कशिश न्यूज


Copy