Bihar Niyojit Teacher : प्रदर्शनकारी शिक्षकों की बढ़ी मुश्किलें, मिलने लगा नोटिस, लिखा है कुछ ऐसा कि नियोजित टीचर हैं परेशान

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 Protesting employed teachers in Bihar started receiving notices  Protesting employed teachers in Bihar started receiving notices

PATNA : बिहार में सक्षमता परीक्षा को लेकर नियोजित शिक्षकों का विरोध लगातार जारी है। इसी क्रम में बीते दिनों नियोजित शिक्षकों का पटना के गर्दनीबाग में भारी जुटान हुआ था और सक्षमता परीक्षा समेत कई मांगों को लेकर सरकार को घेरा था। इसके साथ ही देर शाम प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने बीजेपी दफ्तर का घेराव किया था, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था। अब इस मामले को लेकर प्रशासन ने सख्त हो गया है लिहाजा प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों को थाने बुलाया जा रहा है।


शिक्षकों को नोटिस जारी, थाने आने का निर्देश

इस संबंध में कुछ पत्र भी सामने आए हैं, जिसमें कोतवाली थाना द्वारा प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को नोटिस भेजा गया है और उन्हें पूछताछ के लिए थाना आने को कहा गया है। इस नोटिस में लिखा गया है कि अनुसंधान के दौरान ये प्रकट हुआ है कि आपसे तथ्यों और परिस्थितियों की जानकारी प्राप्त करने हेतु पर्याप्त आधार है। अत: आपको निर्देश दिया जाता है कि 26 फरवरी को 11 बजे दिन में थाने में उपस्थित हो।

फिलहाल कोतवाली थाना द्वारा भेजे गये इस नोटिस के बाद शिक्षक परेशान हैं। उनका कहना है कि सरकार से हम लगातार मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी मांगों को अनसुना करने के साथ-साथ परेशान किया जा रहा है।

गौरतलब है कि बिहार में सक्षमता परीक्षा को लेकर शिक्षकों का विरोध जारी है। बीते दिनों प्रदर्शन करने के बाद शिक्षक संघों ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी से भी मुलाकात की थी और अपनी मांगें रखी थी, जिसके बाद बिहार शिक्षक एकता मंच ने तत्काल 15 फरवरी तक के लिए अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया।

बीजेपी की नीति और नीयत साफ नहीं!

शिक्षकों का कहना है कि जब सम्राट चौधरी के नेतृत्व वाली बिहार बीजेपी विपक्ष में थी तो पार्टी ने हमेशा शिक्षकों की मांग का समर्थन किया था और हमेशा सरकार के खिलाफ आवाज़ बुलंद करती रहती थी लेकिन अब सरकार में शामिल होने के बाद उनकी भी नीति और नीयत बदलने लगी है। अब शिक्षकों को थाने बुलाकर परेशान किया जा रहा है।

नियोजित शिक्षकों की ये है मांग

आपको बता दें कि नियोजित शिक्षकों की मांग है कि उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने के साथ-साथ आयोजित होने वाले सक्षमता परीक्षा में तीन जिलों का विकल्प निरस्त करते हुए ऐच्छिक स्थानांतरण का प्रावधान करना चाहिए। अनिवार्य स्थानांतरण के लिए विकल्प का प्रावधान समाप्त हो. सक्षमता परीक्षा ऑनलाइन लिए जाने में कई सारी व्यावहारिक दिक्कतें हैं. अधिकांश नियोजित शिक्षक कंप्यूटर चलाने की जानकारी नहीं रखते हैं इसलिए सक्षमता परीक्षा का आयोजन ऑफलाइन किया जाए।

इसके साथ ही शिक्षा विभाग द्वारा गठित कमेटी द्वारा की गई अनुशंसा, जिसमें तीन बार में सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने पर सेवामुक्त कर देने का प्रावधान है, उसको निरस्त किया जाना चाहिए। राज्यकर्मी बनने के उपरांत सभी नियोजित शिक्षकों की समानुपातिक वेतन वृद्धि होनी चाहिए। एक न्यूनतम वेतन वृद्धि की गारंटी सबको की जानी चाहिए।

(पटना से अंकिता सिंह की रिपोर्ट)


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