अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस : बिरसा चौक में आदिवासी सेंगल अभियान के लोगों ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

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People of Tribal Sengal Abhiyan garlanded the statue of Lord Birsa Munda in Birsa Chowk. People of Tribal Sengal Abhiyan garlanded the statue of Lord Birsa Munda in Birsa Chowk.

बोकारो:- अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मौके पर आदिवासी सेंगल अभियान की तरफ से बोकारो के जैना मोड से उपयुक्त कार्यालय तक बाइक रैली निकाली गई। जहां से आदिवासी सेंगल अभियान के लोगों ने अपनी मांग पत्र को उपयुक्त को सौपा। इस बीच नया मोड़ के बिरसा चौक में आदिवासी सेंगल अभियान के लोगों ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। इस रैली का नेतृत्व कर रहे आदिवासी सेंगल अभियान के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू ने कहा की झारखंड में प्रथम राज्य भाषा संथाली की मांग को लेकर पूरे राजभर में आंदोलन किया जा रहा है।


यूनेस्को ने 1999 में यह प्रस्ताव पारित किया कि 21 फरवरी की तारीख को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाय, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने इसको मान्यता प्रदान किया और दुनिया भर में लगभग 7000 भाषाओं में से 40% भाषाएं विलुप्त की कगार पर खड़ी है। जिसमें आदिवासी भाषा सर्वाधिक खतरे की जोन में पहुंच चुकी हैं । आदिवासी प्रदेश झारखंड की है जहां सर्वाधिक संथाली भाषा बोली जाती है ।बावजूद संथाली भाषा को झारखंड प्रदेश में राजभाषा का दर्जा प्राप्त नहीं किया गया है। जिसके लिए हमें आंदोलन करना पड़ रहा है जिस तरह अन्य राज्यों में वहां सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा को प्राथमिकता दी गई है उसी तरह हमारी मांग है कि झारखंड में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली और सर्वाधिक बड़ी और राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त आदिवासी भाषा संताली को अनुच्छेद 345 के तहत झारखंड की प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए।



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