शिशु मृत्यु को शून्य स्तर तक लाने के उद्देश्य : नीति आयोग द्वारा चयनित आकांक्षी जिलों में विशेष रूप से किया जाएगा अनुश्रवण

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पटना। राज्य में दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु को शून्य स्तर तक लाने के उद्देश्य से आगामी 15 से लेकर 30 जुलाई तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जाएगा। पखवाड़ा के दौरान समस्त पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के घरों में ओआरएस पैकेट वितरण किया जाएगा। साथ ही पांच वर्ष की उम्र तक के समस्त बच्चे जो दस्त रोग से ग्रसित होंगे, उन्हें लक्षित कर उनका समुचित उपचार किया जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि पखवाड़ा के दौरान अति संवेदनशील क्षेत्र शहरी झुग्गी-झोपड़ी, कठिन पहुंच वाले क्षेत्र, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट-भट्ठे वाले क्षेत्र, अनाथालय तथा ऐसे चिह्नित क्षेत्र, जहां दो-तीन वर्ष पहले तक दस्त के मामले अधिक संख्या में पाए गए हों, इन क्षेत्रों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा नीति आयोग द्वारा चयनित 13 आकांक्षी जिलों में विशेष रूप से पखवाड़ा का अनुश्रवण किया जाएगा। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आशा द्वारा पांच वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक-एक ओआरएस पैकेट का वितरण किया जाएगा। साथ ही कोविड-19 महामारी को देखते हुए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आशा द्वारा नन-कंटोनमेंट जोन के घरों में ओआरएस का वितरण किया जाएगा। साथ ही कार्यक्रम की तैयारियों एवं क्रियान्वयन के दौरान कोविड-19 प्रोटेक्शन प्रोटोकॉल का अनुपालन करना सुनिश्चित किया जाएगा।
मंगल पांडेय ने कहा कि पखवाड़ा से पहले आयोजित प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी स्वास्थ्य, शिक्षा, आइसीडीएस, जीविका एवं आइएपी, आईएमए तथा सहयोगी संस्था के प्रतिनिधियों के द्वारा जिला स्तर पर अर्द्ध दिवसीय कार्यशाला आयोजित कर पखवाड़ा के बारे में दिशा-निर्देश दिया जाएगा। दस्त रोग से ग्रसित बच्चों को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा प्रति वर्ष चलाया जाता है।


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