काले धान की खेती कर रहे है किसान : इसमें विटामिन,जिंक,आइरन,कैल्सियम के साथ साथ फाइबर रहता है मौजूद
पलामू प्रमंडल के किसान अधिक उत्पादन, स्वाद एवं सेहत के गुणों से भरपूर फसलों की खेती पर जोर देने लगे हैं। वहीं अब किसान वैकल्पिक एवं संभावनाओं की खेती कर अधिक मुनाफा कमाने में लगे हैं, जो दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणा के स्रोत बन गये हैं। हम बात कर रहे हैं काला धान उत्पादन कर रहे किसानों की। पलामू प्रमंडल में इस वर्ष काला धान की खेती का विशेष चर्चा है।
जिन लोगों ने काला धान को अबतक नहीं देखा या सुना है, उनके लिए यह कौतूहल का विषय बना चूका है। किसान के साथ-साथ दूर दराज के लोग भी काला धान की खेती को देखने आ रहे हैं। किसान की मेहनत, सच्ची लगन और कुछ उन्नत करने की चाहत से पलामू प्रमंडल के अलग-अलग जगहों पर करीब 22 एकड़ की भूमि पर स्थानीय किसानों ने काला धान की खेती की है जो अब खेतों में लहलहा रही है।
गढ़वा जिले के श्री बंशीधर नगर के गांव निवासी अवकाशप्राप्त प्रधानाध्यापक , किसान हृदय नाथ चौबे और रवीन्द्र नाथ चौबे ने दो एकड़ भूमि पर काला धान की खेती की है। दोनों किसानों ने काला धान की दो प्रजाति चाक हाव एवं कलावंती की खेती की है। इनमे एक प्रजाति जिसका पौधा हरा और उसकी बालियां काली है, जबकि दूसरी प्रजाति के पौधे भी काला एवं उसकी बालियां भी काली है।
इस अजूबे धान की फसल दूसरे किसानों को उत्साहित कर रही है। भारतीय बाजार में इस कीमत करीब 300 से लेकर 500 रुपये तक है। इतनी अच्छी कीमत के कारण किसानों को यह फसल अपनी ओर आकर्षित कर रही है। वहीँ औषधीय गुणों की खान है यह फसल। इस काले धान में एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बहार निकालने में मदद करती है। इसमें विटामिन B,E,K और जिंक,आइरन,कैल्सियम के साथ साथ फाइबर भी मौजूद रहता है।