अपने ‘अर्जुन’ के बजाए कांग्रेस उम्मीदवार के सारथी : कांग्रेस नेता डॉ. अशोक राम का दावा- उपचुनाव में तेजप्रताप करेंगे कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार
बुधवार को आरजेडी के वरिष्ठ नेता और लालू के पुराने सहयोगी शिवानंद तिवारी ने बड़ा बयान लालू यादव के बड़े लाल तेजप्रताप यादव पर दिया। शिवानंद तिवारी के मुताबिक तेजप्रताप आरजेडी में नहीं हैं। तेजप्रताप खुद ही निष्कासित हो चुके हैं। सवाल है कि क्या आरजेडी से तेजप्रताप हो गए बाहर? लालटेन नहीं थामेंगे लालू के बड़े ‘लाल’? तेजस्वी को भी नहीं चाहिए तेजप्रताप का साथ?
इन सवालों का औपचारिक तौर पर तो जवाब आरजेडी की तरफ से नहीं आया है। लेकिन इन सवालों का जवाब आरजेडी की ओर से जारी एक चिट्ठी में छिपा है। ये चिट्ठी आरजेडी की तरफ से निर्वाचन आयोग को लिखी गई है। जिसमें उपचुनाव की दो सीटों पर प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों के नाम हैं। इन स्टार प्रचारकों की लिस्ट में तेजप्रताप यादव के नाम कहीं भी नहीं हैं।
आरजेडी ने 20 स्टार प्रचारकों के नाम दिए हैं। इनमें पहले नंबर पर लालू यादव, दूसरे नंबर पर तेजस्वी यादव हैं। स्टार प्रचारकों की लिस्ट में कई ऐसे नाम भी हैं, जो जाना पहचाना चेहरा नहीं हैं। मसलन चंद्रहास चौपाल, भरत बिंद, रामवृक्ष सदा जैसे नाम हैं, जिन्हें स्टार प्रचारक बनाया गया है। लेकिन तेजप्रताप यादव का नाम कहीं नहीं है। साफ है तेजप्रताप यादव की पार्टी में अब कोई जगह नहीं बची। पहले आरजेडी के छात्र संगठन से तेजप्रताप के समर्थकों को निकाला गया और अब आरजेडी से ही तेजप्रताप बाहर हो गए।
तेजप्रताप यादव के बाहर किए जाने को लेकर शिवानंद तिवारी के बयान के अगले ही दिन तेजप्रताप यादव ने कांग्रेस के नेता डॉ. अशोक राम से मुलाकात की। और अशोक राम ने कशिश न्यूज़ से खास बातचीत में दावा किया कि तेजप्रताप और उनका संगठन छात्र जनशक्ति परिषद उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे।
डॉ अशोक राम के बेटे अतिरेक कुमार कुशेश्वरस्थान से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। डॉ. अशोक राम पिछली बार कुशेश्वरस्थान से चुनाव लड़े और हारे थे। वहीं आरजेडी ने कुशेश्वरस्थान से गणेश भारती को प्रत्याशी बनाया है। तेजप्रताप की अशोक राम से मुलाकात के बाद सवाल है कि क्या तेजप्रताप अब उपचुनाव में आरजेडी के उम्मीदवार के बजाए विरोधियों के साथ खड़े हैं।
तेजप्रताप लोकसभा चुनाव के दौरान भी अपने उम्मीदवार देकर आरजेडी का गेम बिगाड़ चुके हैं। आरजेडी ने शिवहर में शैयद फैसल अली को और जहानाबाद में सुरेंद्र प्रसाद यादव को मैदान में उतारा था. वहीं, तेजप्रताप ने इन दोनों सीटों पर अपने निर्दलीय उम्मीदवार खड़े कर दिए. साथ ही उनके लिए चुनाव प्रचार में भी उतरे थे। जहानाबाद में तेजप्रताप यादव के उम्मीदवार चंद्र प्रकाश को 7714 मत मिले. वहीं, आरजेडी उम्मीदवार सुरेंद्र प्रसाद यादव को 3,32,116 मत मिले. जबकि जेडीयू उम्मीदवार चंदेश्वर प्रसाद को 3,33,191 मत मिले. यानी की सुरेंद्र यादव महज 1075 वोटों से चंदेश्वर प्रसाद से हार गए. लेकिन अगर चंद्र प्रकाश के 7714 वोट इसमें जोड़ दिए जाएं तो आरजेडी शायद यहां से आसानी से जीत सकते थी। यानी तेजप्रताप के कारण ही आरजेडी के हाथ से जहानाबाद सीट चली गई। ऐसे में देखना होगा कि क्या तेजप्रताप की बगावत से उपचुनाव में होने वाले डैमेज को आऱजेडी कैसे कंट्रोल कर पाता है। लेकिन इतना तय है कि परिवार की लड़ाई का खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ेगा।
अपनों के खिलाफ ही तेजप्रताप का शंखनाद !‘अर्जुन’ को छोड़ विरोधियों का सारथी बनेंगे तेजप्रताप?