मधेपुरा : स्वामी विवेकानंद की जयंती को युवा दिवस के रूप में मनाया, दीन-दुखियों की सहायता करना सबसे बड़ा धर्म-स्वामी विवेकानंद
मधुपुर:- महाविद्यालय मधुपुर में शुक्रवार को राष्ट्रीय सेवा योजना यूनिट- 3 के बैनर तले स्वामी विवेकानंद की जयंती को युवा दिवस के रूप में समारोह पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के बीच भाषण, पोस्टर मेकिंग,पेंटिंग, क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम डॉ.रत्नाकर भारती ने स्वामी विवेकानंद की तस्वीर पर माल्यार्पण कर की। भाषण प्रतियोगिता में घनश्याम, विनोद, फरहान,यासमीन, ललन, आलिया, उदय,अलमास, सरफराज ने भाग लिया।
जबकि पोस्टर मेकिंग में कल्पना व अनुराग ने भाग लिया। वहीं पेंटिंग प्रतियोगिता में हिमांशु, रितेश, निशा, तुषार प्रतिभागी के रूप में सम्मिलित हुए। जबकि प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में उदय कुमार, विनोद,निखिल और फूल कुमारी ने हिस्सा लिया। सभी प्रतियोगिताओं में सफल प्रतिभागियों को आगामी कार्यक्रम में पुरस्कृत किया जाएगा। प्रभारी प्राचार्य डॉ.रत्नाकर भारती ने युवा दिवस के अवसर पर स्वामी विवेकानंद व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का विचार था कि दीन-दुखियों की सेवा करना ही मानव का सबसे बड़ा धर्म है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने राष्ट्र से प्रेम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वे अंग्रेजी शिक्षा के भी पक्षधर थे।उनका कहना था कि जब तक हम आधुनिक नहीं होंगे,तब तक हम देश का विकास नहीं कर सकते हैं। वे लोगों को सत्य के रास्ते पर चलने की सलाह देते थे। कार्यक्रम पदाधिकारी अनीता गुआ हेम्ब्रम ने युवा दिवस कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विवेकानंद कहते थे कि मातृभूमि का स्थान सबसे ऊंचा है। सुबह उठते ही हर व्यक्ति को धरती मां को प्रणाम करते हुए क्षमा मांगना चाहिए।मौके पर डॉ.भारत प्रसाद,रंजीत कुमार प्रसाद, होरेन हांसदा,मुजम्मिल हुसैन, तबस्सुम अंसारी, शिवनंदन राय, रामचंद्र झा, टुनटुन साह, आशुतोष लाला समेत सैकड़ो की संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे।