लालू की 'कुर्ताफाड़ होली' को किया मिस : इस बार राबड़ी देवी नही मना रहीं होली, आवास पर पसरा सन्नाटा
पटना : इस बार पूरे देश में रंगों का त्योहार होली दो दिन यानि शुक्रवार और शनिवार को मनाया जा रहा है. यानि दो दिनो तक देश के लोग रंग और गुलाल में सराबोर होंगें और जमकर जोगीरा भी गायागें . लेकिन बिहार में लालू के चाहने वाले और मीडिया कर्मी फिर लालू प्रसाद यादव की कुर्ता फाड़ होली से वंचित रह जायेंगें. हालांकि लालू प्रसाद यादव अभी रांचीमें जेल में हैं तो उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने भी होली नही मनाने का एलान किया है. वजह साफ है लालू के बिना राबड़ी होली मनाये भी कैसे.
यो. तो होली बुराई पर अच्छाई और पारे गिले शिकवे भूलकर एक दूसरे के साथ गले मिलने का त्योहार है. यही वजह है कि राजनीति में एक दूसरे के खिलाफ साल भर बयानबाजी करने वाले नेता भी होली के दिन गले मिलते है. चाहे किसी भी दल के नेता हों होली के दिन उनका रंग बिरंगा चेहरा ही नजर आता है यानि असली चेहरे छिप जाते हैं. लेकिन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक ऐसे नेता रहे हैं जिन्होंने होली को भी एक अलग पहचान दी और लालू की कुर्ता फाड़ होली देश ही सीमा को तोड़कर विदेशों में भी सुर्खियां बटोरी .
बिहार की सत्ता पर 1990 में काबिज होने के बाद मुख्यमंत्री आवास अण्णे मार्ग होली के दिन विशेष आकर्षण का केन्द्र बनने लगा . वजह साफ थी लालू की कुर्ता फाड़ होली . चाहें लालू मुख्यमंत्री रहें हो या फिर रेल मंत्री उनकी कुर्ता फाड़ होली मीडिया की सुर्खियां बनी तो उनके चाहने वालो कें लिये जश्न का एक सुनहरा मौका .इसकी पहली शर्त यह थी कि उस होली में अगर आप शामिल होना चाहते हैं तो अपने कुर्ता को फड़वाने के लिये तैयार रहिये . इसका भुक्तभोगी केवल मैं ही नही अनके मीडिया के साथी रहे ंहै जिनका कुर्ता तो फटा ही कैमरे भी खराब हुए लेकिन लालू तो ठहरे लालू.
लालू के कुर्ता फाड़ होली की यह खासियत यह थी कि इसमें आम से लेकर खास सभी शरीक होते थे. लालू राबड़ी कैबिनेट के सदस्य हों याफिर लालू के खास भक्त अनवर अली या मुख्य सिपहसलार राम- श्याम की जोड़ी. यानि राम कृपाल यादव और श्याम रजक की जोड़ी . एक अण्णे मार्ग हो या 10 सर्कुलर रोड हर जगह होली की खास तैयारी. होली खेलने के लिये रंगो से भरा तालाब. लालू खुद टोपी पहन और ढोलक लेकर जोगीरा गाते ही नही दिखते अली अनवर जैसे चेले से गववाते भी . जोगीरा सारा रा रा . फिर लालू राबड़ी देवी को भी रंग डालते चाहे वह मुख्य मंत्री ही क्यो ना रही हों.
लेकिन आज राबड़ी आवास पर सन्नाटा है. लालू के चाहने वाले मायूस हैं तो मीडिया कर्मियो के लिये भी होली में कोई खबर नही है. और इस सबसे दूर लालू रांची के रिम्स में शायद अपनी कुर्ता फाड़ होली को याद कर रहे हैं.
अशोक मिश्रा की रिपोर्ट