भ्रष्ट अधिकारी पर बीजेपी के सवाल पर फंसी सरकार ! : करप्शन पर ज़ीरो टॉलरेंस पर बीजेपी का वार, 67 लाख वाले धनकुबेर पर कौन बरसा रहा प्यार?

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सीएम नीतीश जिस करप्शन के खिलाफ काम करने और जीरो टॉलरेंस का दावा करते नहीं थकते, उन दावों पर अपनों ने ही सवाल उठा दिया है। सरकार में सहयोगी पार्टी बीजेपी के विधायक संजय सरावगी ने करप्शन पर ज़ीरो टॉलरेंस के दावों का हवाला देते हुए ऐसा सवाल किया, कि सरकार को जवाब देते नहीं बन रहा था। सवाल था अगस्त महीने में दरभंगा के ग्रामीण कार्य विभाग के धनकुबेर इंजीनियर अनिल कुमार से जुड़ा हुआ। सवाल ये कि आखिर भ्रष्ट इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई छोड़िए अब तक निलंबन तक क्यों नहीं हुआ।

ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियर अनिल कुमार के पास से बरामद 67 लाख कैश

दरअसल 28 अगस्त को मुजफ्फरपुर-वैशाली सीमा पर फकुली चेकिंग प्वाइंट पर दरभंगा के ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार की गाड़ी से 18 लाख रुपये नकद बरामद किए गए थे. इतने रुपये मिलने के बाद अगले दिन रविवार को इंजीनियर अनिल कुमार के दरभंगा और पटना स्थित दो फ्लैट पर छामपेमारी कर 49 लाख रुपये और बरामद किए गए हैं. इसके अलावा प्रॉपर्टी के कुछ कागजात भी मिले हैं। इंजीनियर के ठिकानों से 67 लाख से ज्यादा कैश बरामद किए गए। लेकिन रसूख देखिए कि पकड़े जाने के बाद इंजीनियर ने ना सिर्फ कबूल किया, बल्कि धमकी भी दी थी। धमकी मुंह खोलने पर पटना तक विस्फोट हो जाने पर।

इंजीनियर अनिल कुमार ने कहा था कि

‘’वर्तमान में जो माहौल है, उसमें मजबूरन रुपये लेने पड़ते हैं. प्रखंड स्तर पर तैनात इंजीनियर से लेकर पटना तक कौन है जो रुपया नहीं ले रहा. और जो रुपया नहीं ले रहा, क्या वह चैन से नौकरी कर पा रहा है. मुंह अगर खोल दिया तो पटना तक विस्फोट हो जाएगा."

-----अनिल कुमार, आरोपी इंजीनियर

रसूख का अंदाजा और करप्शन के कॉकस का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि इंजीनियर अनिल कुमार की इस धमकी के बाद उसे थाने से ही जमानत भी मिल गई थी। 2 महीने से ज्यादा बीतने के बाद भी अब तक विभाग ने इंजीनियर को निलंबित तक नहीं किया है। बल्कि आरोपी इंजीनियर अपनी मर्जी से मेडिकल लीव पर चला गया।

बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने इंजीनियर को बचाने का सवाल जब उठाया, तो जेडीयू कोटे से ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री जयंत राज को जवाब देते नहीं बन रहा था और इंजीनियर के मेडिकल लीव पर जाने और पंचायत चुनाव होने की दलीलें देने लगे।

अपनों के हाथों ही भरे सदन में सरकार की किरकिरी हो रही थी, विधायक सवाल पर सवाल दागे जा रहे थे और मंत्री जी को जवाब देते नहीं बन रहा था। आखिर में विधानसभा अध्यक्ष को मंत्री को निर्देश देना पड़ा ।विधान सभा स्पीकर ने सदन की कमेटी से जांच कराए जाने की बात कह मामले पर हो रहे हंगामा को रोक दिया।

बहरहाल जिस करप्शन पर ज़ीरो टॉलरेंस के दावे किए जाते हैं, उस करप्शन पर अपनों के ही वार से ना सिर्फ सरकार की किरकिरी हुई, बल्कि सवाल भी उठ रहे हैं आखिर क्या मजबूरी है कि काली कमाई के कुबेर इंजीनियर पर इतनी मेहरबानी की जा रही है।



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