सांइटिस्ट की परीक्षा में मिली सफलता : पूर्णियां के आशुतोष ने ISRO की सांइटिस्ट की परीक्षा में लाया 22 वां रैंक,कलाम की तरह देश के लिए कुछ अलग करने की है तमन्ना

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PURNIA  KE ASUTOSH NE SCIENTIST KE EXAM ME LAYA 22 RANK PURNIA  KE ASUTOSH NE SCIENTIST KE EXAM ME LAYA 22 RANK

PURNIA-- सिविल सर्विस के साथ ही सांइटिस्ट की परीक्षा में भी पूर्णियां के बेटे ने बाजी मारी है।सिविल सेवा की 2020 की परीक्षा में आशीष ने 52 वां रैंक लाया और उसके सदाचार के चर्चे इन दिनों इलाके में चल रहा है। वहीं सामान्य परिवार के बेटे आशुतोष ने भी अपनी मोहनत से पूर्णियां का नाम रौशन किया है।आशुतोष ने अपने मेहनत और संघर्ष के बदौलत इसरो के साइंटिस्ट तक का सफर तय किया है। इसरो साइंटिस्ट की परीक्षा में देशभर में 22 वां रैंक लाकर आशुतोष ने पूर्णिया के साथ ही बिहार का नाम रोशन किया है। उनकी इस सफलता से जहां परिजनों में खुशी है वही माता पिता अपने बेटे से एपीजे अब्दुल कलाम की तरह देश को आगे बढ़ाने की उम्मीद लगाए बैठी है ।

पूर्णिया के चुनापुर निवासी विनय प्रकाश झा का पुत्र आशुतोष कुमार ने इसरो साइंटिस्ट की परीक्षा में देशभर में 22 वां रैंक लाया है। आशुतोष कहते हैं कि उनकी पढ़ाई पूर्णिया के जिला स्कूल से हुई । इसके बाद उसने उड़ीसा से बीटेक और आईआईटी दिल्ली से एमटेक किया। उन्हें बचपन से ही साइंस में लगाव था । वह एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानते हैं।

आशुतोष की मां कहती है कि गरीबी के कारण पढ़ाई लिखाई में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। अपने संघर्ष और मेहनत के बदौलत आज उनके बेटे ने इसरो के साइंटिस्ट की परीक्षा में देशभर में 22 वां स्थान लाया है । वे लोग चाहते हैं कि उनका बेटा भी मिसाइल मैन डॉक्टर कलाम की तरह आगे बढ़कर देश की सेवा करें और देश को आगे बढ़ाएं।वहीं आशुतोष के पिता विनय प्रकाश झा कहते हैं कि उसने काफी संघर्ष कर आशुतोष को पढ़ाया है। लॉकडाउन में जब उनकी माली हालत काफी खराब हो गई तो आशुतोष ने दिल्ली में रहकर प्राइवेट नौकरी कर अपनी पढ़ाई भी किया और घर को भी संभाला । आज आशुतोष ने इसरो साइंटिस्ट की परीक्षा में देशभर में 22 वां रैंक लाकर उन लोगों का सर ऊंचा किया है। उनकी बेटी भी अपने पहले प्रयास में बीपीएससी पीटी में सफलता प्राप्त की है। वही आशुतोष की बहन राखी ने कहा कि वे लोग चाहते हैं कि उनका भाई इसरो साइंटिस्ट के रूप में कुछ बड़ा काम करें और डॉक्टर कलाम की तरह देश को आगे बढ़ाएं ।

कहतें सफलता उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है । गरीबी और संघर्ष के बदौलत आज आशुतोष ने इसरो साइंटिस्ट की परीक्षा में देश भर में 22 वां रैंक लाकर इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है।