एक ही जमीन के कई दावेदार : रांची के पुंदाग में जिस जमीन पर बन रहा रॉयल पाम, उसकी मिल्कियत पर उठ रहे सवाल
एक ही जमीन के कई दावेदार, जमीन का नेचर भी आदिवासी
55 करोड़ के प्रोजेक्ट को कई बैंकों ने किया है फायनांस
राजधानी रांची के पुनदाग मौजा में बिल्डर एक से एक कारनामा कर रहे हैं. भुंईहरी, सीएनटी, बकास्त भुंईहरी जमीन का मालिकाना हक बदल कर उस पर आलीशान कांपलेक्स बनवा रहे हैं. इसमें न तो नगर निगम की कोई रोक है, न ही झारखंड रीयल इस्टेट रेग्यूलेटरी अथरोटी और न ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ही इसमें कुछ कर रहा है. यानी पैसे हैं तो सभी तरह की गलत चीजें सही और मुकम्मल हो रही हैं. हम आपको बता रहे हैं कि पुनदाग मौजा का खाता 178 ऑनलाइन में 263 हो गया. बकास्त भूंईहरी का खेवट नंबर 18/4 का खाता 485 में कैसे बदल गया? -खाता नंबर 178 की जमीन खाता 263 में कैसे हुआ जनरेट? इस पर है असमंजस बरकरार है. पर 55 करोड़ का प्रोजेक्ट मौर्या होम्स बना रहा है. यानी बिल्डरों और जमीन ब्रोकरों की मनमानी पर राज्य सरकार से लेकर पुलिस महकमा तक अंकुश लगाने में अब तक असफल रहा है. करोड़ों रुपये की बेशकीमती जमीन पर अब धड़ल्ले से कंक्रीट के स्ट्रक्चर तैयार किये जा रहे हैं. लोग सिर्फ तमाशबीन बन कर रह गये हैं. इन सभी प्रकरण में अंचल कार्यालय की भूमिका भी संदिग्ध रही है. क्योंकि दाखिल खारिज और लगान रसीद का निर्धारण अंचल कार्यालय से ही होता रहा है.
रांची के पुनदाग मौजा में रॉयल पाम नामक अपार्टमेंट का निर्माण हो रहा है. इसका नक्शा आरआरडीए की तरफ से पास किया गया है. इसे स्टेट बैंक, कैनरा बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक समेत आधा दर्जन बैंकों ने फायनांस किया है. इसके बाद इस जमीन के कई दावेदार सामने आ गये हैं. पुनदाग के रहनेवाले एक बड़े ब्रोकर कहते हैं कि यह जमीन उन्होंने बड़ा लाल कंदर्पनाथ शाहदेव से खरीदी थी. खाता संख्या 178 की जमीन खरीदी और इसका म्यूटेशन उत्तराधिकारी वाद संख्या 40 R27-2015-16 को शिविर के जरिये कराया. पर दाखिल खारिज होने के बाद आश्चर्यजनक तरीके से खाता संख्या 178 बदल कर 263 हो गया. खाता संख्या 263 में प्लाट संख्या 60, 83 और 58 चढ़ा कर लगान रसीद काट दी गयी। नगड़ी अंचल के तत्कालीन अंचल अधिकारी ने खाता संख्या 178 और 174 का करेक्शन स्लिप जनरेट करा लिया. जिस खाता 178 के प्लाट को चेंज कर दिया गया। उस खाता 178 के एक खतियानी मालिक बंधना तेली वल्द लगन तेली भी हैं। खाता 178 में खतियान के मुताबिक प्लाट संख्या 1412, 1522, 1526, 2266, 2662, 1545, 226, 228, 629, 335, 334, जैसे प्लाट हैं। इसमें प्लाट 60, 83 और 58 का जिक्र ही नहीं है। यह खतियान भी फाड़ दिया गया है।