JHARKHAND NEWS : झारखंड के सबसे बड़े भू माफिया शशिभूषण सिंह पर पीएमएलए के तहत क्यों हो रही है धिमी कार्रवाई

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DESK : झारखंड में सेना के कब्जे वाली भूमि की अवैध खरीद-बिक्री का मामला अभी थमा नहीं था की 12 मार्च को कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद, सीओ शशिभूषण सिंह की 2 दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापे मारी की गयी. इसमें 35 लाख नगद, कई डीवाईस, अंचल कार्यालयों के मोहर, 103 डीड और अन्य सामग्रियां मिली थी . सीओ शशिभूषण सिंह के यहां से 15 लाख नगद और कई बैंकों के खाते मिले थे. इसमें 2000 के नोट वाले 7 लाख नगद भी शामिल है।

अलग राज्य बनने के 23 वर्षों में 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का लैंड स्कैम झारखण्ड में हुआ है. इस राज्य में झारखंडियों ने ही यहां की जमीन को लूटा है. इसकी शुरुआत सिमडेगा के रहनेवाले शशिभूषण सिंह ने की है. वह फिलहाल गोविंदपुर सीओ हैं. इससे पहले वे हल्का कर्मचारी थे। पैसे के बल पर सीओ बन गये हैं. इन्होंने गुमला, रांची जिले के लगभग सभी अंचलों में अपनी सेवाएं दी हैं. इनके द्वारा 2006 से 2008 के बीच नगड़ी अंचल के पुनदाग मौजा में भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) कर्मचारी सहकारी समिति की जमीन की दोहरी जमाबंदी कर दी गयी. इसके लिए संजीवनी बिल्डकोन प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटरों के साथ मिल कर सेल की जमीन को दुबारा बेच दिया गया. मामला सीबीआइ देख रही है. इसमें शशि भूषण सिंह, तत्कालीन सीओ कृष्ण कन्हैया राजहंस, संजीवनी बिल्डकोन के प्रमोटरों के खिलाफ रांची के सीबीआइ की विशेष अदालत में पांच मामले चल रहे हैं. झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम चौधरी ने भी सीबीआइ को पांच अप्रैल 2023 को दिये गये आदेश में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप गठन करने का निर्देश दिया है. इन आरोपियों ने 2013-14 से ही मामले को दबा कर रखा था. संजीवनी बिल्डकोन मामले में जांच एजेंसियों ने प्रमोटरों की 60 करोड़ की संपत्ति अटैच कर रखी है. इसने नामकुम की तत्कालीन अंचल अधिकारी शुभ्रा रानी के साथ मिल कर कारोबारी और न्यूक्लियस माल के मालिक विष्णु अग्रवाल को बसारगढ़ में 10 एकड़ जमीन, टाटीसिलवे में 25 एकड़ आदिवासी जमीन दिलायी है. इसका कनेक्शन भी सेना की कब्जेवाली जमीन के सिंडिकेट के साथ है. जिसकी जांच होनी जरूरी है. नामकुम अंचल में इसने एक हजार एकड़ से अधिक सरकारी जमीन की गलत तरीके से जमाबंदी की है, जो फाइलों में बंद है. इसके रहते हुए ही तुंबागुटू (नामकुम) में सेना की 15 एकड़ जमीन 150 लोगों को बेच दी गयी थी.

शशि भूषण सिंह सेना की जमीन की अवैध खरीद बिक्री करनेवाले हल्का कर्मचारी भानू प्रताप के गुरू हैं. ये भी एक जमीन की खरीद-बिक्री का रैकेट चलाते हैं। शशि भूषण सिंह ने अपनी पत्नी गीता देवी उर्फ गीता सिंह के नाम पर रांची और आसपास, नयी दिल्ली, हरियाणा के गुरुग्राम में चल-अचल संपत्ति अर्जित की है. पत्नी के नाम से रांची में ही डेढ़ दर्जन से अधिक जमीन, अपार्टमेंट और अन्य संपत्ति अर्जित की गयी है. इसमें रांची के निवारणपुर में एमीटी यूनिवर्सिटी के किराये वाले बिल्डिंग का छठा फ्लोर गीता देवी के नाम का है. इसके अलावा शशि भूषण सिंह बिरसा चौक के हवाई नगर के रोड नंबर पांच में बने मकान में रहता है, वह सेना की ज़मीन जमीन है. इस जमीन पर पेप्सी और कोक के गोदाम बेसमेंट में चलते हैं.

शशि भूषण सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में लंबित है, क्योंकि वहां के डीएसपी आरएन सिंह को मोटी रकम देकर इसने उपकृत कर रखा है. यह अपना धंधा भारतीय जीवन बीमा निगम में काम करनेवाले संजय सिंह, द होम्स नामक कंस्ट्रक्शन कंपनी, जो हवाई नगर के रोड नंबर 11 में अवस्थित है के जरिये करता है. शशि भूषण सिंह जमीन की अवैध जमाबंदी कराता है अपन बीबी के नाम पर, जिसमें संजय कुमार सिंह पार्टनर रहते हैं. फिर द होम्स को अपार्टमेंट बनाने के लिए जमीन मुहैया करा दी जाती है. द होम में शशि भूषण सिंह के ब्रदर इन लॉ नीरज कुमार डायरेक्टर हैं. द होम के अन्य दूसरे डायरेक्टरों में संतोष कुमार जायसवाल और किरण जायसवाल भी हैं. इन लोगों का एक और कंपनी है फ्रंटेज होम्स प्राइवेट लिमिटेड. शशि भूषण सिंह की ओर से दिये गये जमीन पर इन लोगों ने रांची के तुपुदाना स्थित वैष्णवी नगर नें सुकृति अपार्टमेंट, हवाईनगर के रोड नंबर 12 में अपार्टमेंट, सिंह मोड रोड नंबर 12 में कुंतिकुंज अपार्टमेंट, हटिया के एकतानगर में गीतांजलि अपार्टमेंट, लोवर हटिया रोड में मधुबन अपार्टमेंट बनाया गया है.

पहले हर महीने शशि भूषण सिंह अपने गैंग के सदस्यों के साथ बैंकाक, सिंगापुर, हांगकांग जाता था. प्रत्येक वर्ष मालद्वीव और अन्य जगहों पर भी यह जा चुका है. इसका बेटा स्वीटजरलैंड से पढ कर आया है. दो बेटियां मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं, जो बेंगलुरू के सिद्धार्था मेडिकल कालेज और जमशेदपुर स्थित मनीपाल मेडिकल कालेज में हैं. शशि भूषण सिंह ने अपने भांजे धनंजय सिंह के नाम से विकास नगर में चार अपार्टमेंट, अपने सास और ससूर के नाम से अपार्टमेंट, हवाई नगर के रोड नंबर दो में एक दो मंजिला मकान, हिनू के शुक्ला कालोनी में अपने मृत चाचा के नाम से जमीन, अपने पिता के नाम से 28 डिसमील सरकारी जमीन पर कब्जा कर वहां फार्म हाउस बनाया है. प्रणामी बिल्डर्स समूह के द्वारा बरियातू में निर्मित हाई क्लास अपार्टमेंट में पत्नी के नाम से दो अपार्टमेंट खरीदा है. इसने पैसे के बल पर सीबीआइ के केस को शिथिल करने के लिए पूर्व महाधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा, झारखंड के सबसे महंगे वकील इंद्रजीत सिन्हा, फ्राड अधिवक्ता रवि सिंह, एडवोकेट एके कश्यप तक को हायर कर रखा था. इसने फरजी तरीके से खाता 18 के चार एकड़ जमीन की गलत जमाबंदी नामकुम अंचल की तत्कालीन सीओ शुभ्रा रानी के साथ मिल कर करा दी है और उसे अपने परिवार वालों, दोस्तों के बीच गिफ्ट करा दिया है.


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