IAS बनने के बाद भी आशीष नहीं भूले सदाचार : प्रिंसिपल और टीचर के साथ ही मेड के भी छूए पांव ,आशीष को UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में मिला है 52 वां रैंक
पूर्णिया:-UPSCपरीक्षा में 52 वां रैंक लाने वाले आशीषकुमार के सदाचार के चर्चा खूब हो रहें हैं।IASबनने के बाद अपने स्कूल पहुंचे आशीष ने न सिर्फ अपने प्रिंसिपल और शिक्षकों का आशीर्वाद लिया बल्कि स्कूल की मेड का पैर छूकर सदाचार का ऩिर्वहन किया।
IASआशीष कुमार मिश्रा पूर्णिया के रहनेवाले हैं।उन्हौने अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान ब्राइट कैरियर में पढाई की थी।यूपीएससी में सफलता मिलने के बाद आशीष यहां पहुंचे और डाइरेक्टर एवं प्रिंसिपल के साथ ही स्कूल के मेड को पैर छूकर प्रणाम किया।आशीष के इस व्यवहार की हर की तारीफ कर रहा है।आईएएस आशीष द्वारा पैर छूने पर मेड वीणा देवी भाविक हो गयी और उनकी आंखे खुशी से बर आई।
इस अवसर पर मीडिया से से बात करते हे वीणा देवी ने बताया कि उन्हें गर्व है आशीष मिश्रा उनके स्कूल का छात्र हैं ।वह बचपन से ही काफी मेधावी और एक आदर्श छात्र थे। आज आशीष आईएएस ऑफिसर बन गए है ।इसपर उन्हें काफी गर्व है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था एक आईएएस ऑफिसर उनका पैर छूएंगे।
इसस पहले आशीष जब स्कूल पहुंचे तो वहां छात्रों और शिक्षकों ने उनका भरपूर स्वागत किया। इस दौरान आशीष मिश्रा ने अपने स्कूल के छात्रों को काफी मोटिवेट किया। आशीष ने कहा अगर मन में संकल्प हो और दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी असंभव नहीं होता ।स्कूल के डायरेक्टर गौतम सिन्हा ने कहा कि आशीष बचपन से ही काफी मेधावी और आदर्श छात्र थे। यहां पहुंचने के साथ उन्होंने अपने शिक्षक से लेकर स्कूल के मेड वीणा देवी तक का पैर छूकर प्रणाम किया ।
आशीष का यह व्यवहार बताता है कि आईएस होने के उनमें विनम्रता भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि आशीष ने स्कूल के जूनियर छात्रों को मोटिवेट भी किया और बताया कि अभी से किस तरह तैयारी करें कि वह आगे आईएएस बन सके। उन्होंने कहा कि आशीष ने उनके स्कूल से आठवीं से लेकर मैट्रिक पास किया।
आशीष ने कहा कि जब तक आप झूकना नहीं सीखेंगे तब तक आईएएस जैसी परीक्षा में सफल नहीं हो सकते।उन्होंने कहा कि अगर सही दिशा में छात्र मेहनत करें तो आईएएस बनना असंभव नहीं है । उन्होंने कहा कि हर स्कूल में स्किल डेवलपमेंट की पढ़ाई होनी चाहिए ताकि बच्चों का मोरल विकास हो।
जिंदगी में सफल होने के लिए शिक्षा के साथ संस्कार और विनम्रता भी जरूरी है।आशीष कुमार मिश्रा की इस विनम्रता से सबको खास तौर पर युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेने की जरूरत है।