नीतीश की राजनीतिक वारिश पर बवाल... : अपना नाम कटा देख उपेन्द्र बिदके..तो जेडीयू नेता भी असमंजस में..RJD तेजस्वी को मानती है चेहरा..
Patna:-नीतीश कुमार की विरासत किसके हाथ जाएगी इस बात को लेकर सियासी गलियारे में चर्चा तेज हो गई है। नीतीश कुमार की विरासत हासिल करने को लेकर ही उपेन्द्र कुशवाहा बागी हो गए। वहीं आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार का वारिश बता रहे हैं। हलांकि जेडीयू के नेता फिलहाल नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी किसी को मानने को तैयारी नहीं। ऐसे में आरजेडी जेडीयू के बीच विरासत के मसले पर फिर से खींचतान दिखने के आसार नजर आ रहे है।
दरअसल नीतीश कुमार ने जब से तेजस्वी यादव को महागठबंधन का अगला चेहरा बताया है जेडीयू औरजेडी के नेताओं में बेचैनी बढ गई है। आरजेडी नेता जल्द से जल्द तेजस्वी को सरकार की ड्राईविंग सीट पर बैठ देखने चाहते हैं। वहीं जेडीयू के नेताओं को पावर सेंटर खिसकने की चिंता सताने लगी है। खुद को नीतीश कुमार का वारिश समझने वाले उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने हिस्से को लेकर पार्टी में बगावत कर दी है। लेकिन पूरे मामले में दिलचस्प मोर ये आ गया है कि अब जेडीयू के नेता नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी किसी को मानने को तैयार नहीं है। जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने कहा है कि नीतीश कुमार ने कभी तेजस्वी यादव को अपना वारिश बनाने की बात नहीं कही है। यहां कोई राजशाही नहीं है यहां लोकतंत्र है।
हलांकि आरजेडी नेताओं को जेडीयू के दूसरे नेताओं की परवाह नहीं है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा है कि आरजेडी ने कभी भी नीतीश कुमार की विरासत को लेकर कोई दावा नहीं किया है, बल्कि नीतीश कुमार ने ही कहा है कि तेजस्वी आगे महागठबंधन का चेहरा होंगे।
इधर विरासत को लेकर जेडीयू आरजेडी में छिडी दावों की जंग पर बीजेपी ने चुटकी ली है। बीजेपी नेता नवल यादव ने कहा है कि विरासत को लेकर अभी दोनों दलों के बीच पटका पटकी की नौबत आएगी।
दरअसल बीते दिनो एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम नीतीश ने तेजस्वी की ओर इशारा करते हुए कहा था कि अब उनकी आगे कोई इच्छा नहीं , अब वो तेजस्वी को आगे बढाएंगे। इतना ही नहीं महागठबंधन विधान मंडल दल की बैठक में भी नीतीश कुमार ने 2025 के लिए तेजस्वी यादव को महागठबंधन का चेहरा बता दिया था। जिसके बाद से जेडीयू नेताओं में काफी रिएक्शन देखने को मिल रहा है।
पटना से आशुतोष चन्द्र की रिपोर्ट