बाघ संरक्षण पर एशियाई मंथन : वाल्मीकिनगर के बाद बिहार का दूसरा टाइगर रिजर्व होगा कैमूर में....

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पटना। बाघ संरक्षण पर चौथे एशियाई मंत्रियों की बैठक में पटना से केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे वर्चुअल माध्यम से जुड़े। केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने देश में बाघ संरक्षण को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी दी। बैठक में मलेशिया, कंबोडिया, भूटान, भारत, नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार के पर्यावरण व वन मंत्री शामिल हुए।

कॉन्फ्रेंस के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार बाघ संरक्षण के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहा है। बाघों का संरक्षण वनों के संरक्षण का प्रतीक है। देश में 51 टाइगर रिजर्व हैं और अधिक क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व नेटवर्क के तहत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वाल्मीकिनगर के बाद कैमूर में दूसरा टाइगर रिजर्व बिहार में होगा। इसकी तैयारियों को मूर्त रूप दिया जा रहा है।

भारत के 14 बाघ अभयारण्यों, जिन्हें ग्लोबल कंजर्वेशन एश्योर्ड | टाइगर स्टैंडर्ड्स (सीए|टीएस) की मान्यता मिली है। उसमे बिहार का वाल्मीकिनगर भी है। जिन 14 बाघ अभयारण्यों को मान्यता दी गई है उनमें असम के मानस, काजीरंगा और ओरंग, मध्य प्रदेश के सतपुड़ा, कान्हा और पन्ना, महाराष्ट्र के पेंच, बिहार में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व, उत्तर प्रदेश के दुधवा, पश्चिम बंगाल के सुंदरबन, केरल में परम्बिकुलम, कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व और तमिलनाडु के मुदुमलई और अनामलई टाइगर रिजर्व शामिल हैं।

बिहार के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक प्रभात कुमार गुप्ता और पटना वन प्रमंडल के वन प्रमंडल पदाधिकारी रुचि सिंह सहित अन्य संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक कर अश्विनी चौबे ने कैमूर मैं बन रहे दूसरे टाइगर रिजर्व की तैयारियों के बारे में और पटना में नगर वन योजना के अंतर्गत नए उद्यान स्थापित करने के बारे में विचार विमर्श किया। बैठक में अश्विनी चौबे ने टाइगर रिजर्व बनाने के कार्य को तेजी से करने और पटना ने वन नगर योजना के अंतर्गत नए उद्यान के बनाने के बारे में स्थान तय करने हेतु तेजी से काम करने के निर्देश दिए।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कैमूर के जंदाहा में कृष्ण मृग के संरक्षण और प्रवर्धन का अच्छा काम चल रहा है। आसपास के इलाकों से मिले 200 से ज्यादा कृष्ण मृग का यहां इलाज किया गया है। इसको और विकसित करने का काम करने के लिए उन्होंने बिहार के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक प्रभात कुमार गुप्ता को शीघ्र कदम उठाने के निर्देश दिए।

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