बिहार मे बालू की किल्लत होगी दूर : सुप्रीम कोर्ट ने NGT के फैसले पर रोक लगाते हुए बालू उत्खनन का दिया आदेश
PATNA:- बिहार के गया समेत अन्य जिलो में बंद बालू उत्खनन का काम फिर से शुरू हो जायेगा...क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की याचिका पर एनजीटी द्वारा बालू उत्खनन पर लगी रोक के आदेश को निरस्त कर दिया है और बालू उत्खनन का आदेश दे दिया है।जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाले तीन जजों की पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि बिहार के सभी जिलों में खनन के लिए नए सिरे से जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार की जाएगी।कोर्ट ने कहा कि बालू खनन के मुद्दे से निपटते समय पर्यावरण के सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के साथ विकास के संतुलित तरीकों को लागू करना जरूरी है।कोर्ट के मुताबिक वैध तरीके से उत्खनन पर रोक लगने से अवैध उत्खनन का धंधा जोर पकड़ लेता है।
दरअसल पिछले दिनों NGT यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को कोलकाता बेंच ने बिहार के बालू खनन को पर्यावरणीय आधार पर रोक दिया था। उसके अनुसार बिहार की खनन नीति पर्यावरण के लिए उपयुक्त नहीं थी और यहां का उत्खनन तय गाइडलाइन के खिलाफ बताया था।NGT के इस आदेश के बाद गया, पटना, भोजपुर, सारण, औरंगाबाद, रोहतास,जमुई और लखीसराय में बालू उत्खनन पर रोक लग गई थी जिससे राज्य मे बालू का अवैध कारोबार बढ गया था और आमलोगों को बालू के लिए ज्यादा रकम चुकानी पड़ रही थी।
NGT के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जानकारी देते हुए बिहार सरकार के खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम ने कहा कि उत्खनन पर लगी रोक हटने से राज्य में बालू की किल्लत दूर होगी और राज्य सरकार को रही राजस्व का नुकशान भी नहीं होगा।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार बालू खनन की प्रक्रिया फिर से शुरू करेगी। नए बंदोबस्तधारियों की तलाश के लिए रुकी टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी होगी। नए बंदोबस्तधारियों को बालू घाट सौंपे जाएंगे। इससे बालू की किल्लत खत्म होगी।