शराबबंदी को लेकर नीतीश सख्त : NDA विधानमंडल दल की बैठक में सभी विधायकों ने फिर से लिया संकल्प
PATNA:शराबबंदी कानून को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार सख्त नजर आ रहें हैं और किसी भी हालत में इसमें ढील देने को तैयार नहीं हैं।नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर 26 नवंबर को उन्हौने राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को शराब ने पीने और पिलाने की शपथ दिलाई थी और इसके बाद उन्हौने एनडीए के विधायकों और विधान पार्षदों ने एक बार फिर से शराबबंदी कानून को लेकर संकल्प दिलाया है।
दरअसल शीतकालीन सत्र को लेकर एनडीए विधानमंडल दल की बैठक बुलाई गई थी जिसमें नीतीश कुमार ने संबोधित करते हुए शराबबंदी को लेकर सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदम की जानकारी दी और सभी मंत्रियों,विधायकों एवं विधान पार्षदों से शराबबंदी कानून को लागू करने को लेकर सकल्प लेने की बात कही ।वहीं सीएम की इस पहल के बाद सभी विधायकों ने हाथ उठाकर संकल्प लिया है।
वहीं एनडीए की बैठक में शामिल बीजेपी विधायक निक्की हेब्रहम ने शराबबंदी की चर्चा करते हुए कहा कि वे अनुसुचित जनजाति(एसटी)समाज से आतें हैं और महुआ से इस समाज का पुराना लगाव रहा है।इसलिए इस महुआ को अन्य उद्योग से जोड़ना चाहिए....ताकि इस समाज की की उन्नति हो सके.महुआ से देशी शराब बनाने का प्रचलन रहा है लेकिन महुआ से अन्य कारोबार नही ही पा रहा है यह चिंता का विषय है।भाजपा विधायक के इस सवाल का जवाब देते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि उन्हौने शराब निर्माण से जुड़े लोगों को दूसरा रोजगार करनने में सहयोग करने हेतु अलग से योजना चलाई है।लोगों को इस योजना से जोड़ने की जरूरत है ताकि उन्हें भरण-पोषणके लिए किसी तरह की परेशानी न हो।
वहीं जदयू विधायक डाक्टर संजीव सिंह ने की नीतीश कुमार का ध्र्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि शराब बंदी की वजह से आजकल के युवा दुसरे विकल्प के रूप में गांजा,भांग, और अफीम के साथ साथ ड्रग्स के शिकार हो रहे है इसलिए इनपर नकेल कसने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पुलिस शराब की तरह ड्राई नशीले पदार्थ रोकने के लिए भी अभियान चलाए ताकि युवाओं को नशा के चंगुल से मुक्त कराने की जरूरत है।