सरकारी खर्च पर विदेश जानेवाले 6 छात्र सम्मानित : मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृति योजना की सीएम हेमन्त सोरेन ने की शुरूआत

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RANCHI:सरकारी खर्च पर विदेश में पढने काझारखंड केआदिवासी छात्रों का सपना पूरे होने जा रहा है।राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जनजाति के छह छात्रों का चयन विदेश में पढ़ाई के लिए किया गया है.ये सभीछात्रइंग्लैंड और आयरलैंड की यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा ग्रहण करेंगे.इस योजना के तहतइंग्लैंड एवं आयरलैंड की यूनिवर्सिटी में उच्चस्तरीय शिक्षा (मास्टर डिग्री,एम फिल) के लिए ट्यूशन फीस सहित उनके रहने एवं अन्य खर्च वहन करेगी. इसके लिए प्रति वर्ष झारखंड के रहने वाले10अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों का चयन किया जाएगा. इस कड़ी मेंइसपहले साल6छात्रों का चयन स्कॉलरशिप के लिए किया गया है,जो सितंबर महीने में उच्च शिक्षा हासिल करने इंग्लैंड की5विभिन्न यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने जा रहे हैं.

इस योजना की शुरूआत झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेनने एक कार्यक्रम आयोजित कर की और सरकारी पैसे से पढाई के लिए चयनित 6 छात्रों को सम्मानित किया।इस समारोह मेंमुख्यमंत्री हेमन्त सोरेनके अलावामंत्री चंपई सोरेनसमेत कई नेता एवं शिक्षाविद शामिल हुए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम हेमन्त सोरेन ने कहा कि पूरे देश में झारखंड इकलौता राज्य है जहां सरकार अपने खर्च पर गरीब और प्रतिभावान छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजने की योजना शुरू की।इससे पहले उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजे जाने की योजना भारत सरकार से चला रही है पर इस योजना का लाभ गरीब के बजाय बड़े-बड़े अधिकारियों के बच्चों को मिलता रहा है।

जयपाल सिंह के नाम की चर्चा करते हुए सीएम हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड में उनका नाम चारो दिशाओं में गुंजता रहेगा।जयपाल सिंह न केवल ऑक्सफोर्ड में जाकर उच्च शिक्षा ग्रहण की थी बल्कि देश के संविधान के निर्माण में बाबा साहब को सहयोग भी किया था।

बिरास मुंडा एवं नीलांबर-पितांबर जैसे कई महापुरूषों के नामों की चर्चा करते हुए सीएम हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड में उनके नाम से कई योजना और शिक्षण संस्थान का नाम रखकर उन्हें य़ाद कर रही है।सीएम के अऩुसार सामाजिक,आर्थिक और शैक्षणिक रूप से भले ही झरखंडवासी कमजोर रहें हैं पर आत्मविश्वास से वे सदा लबरेज रहें हैं।

2000 में नया झारखंड राज्य बनने के बाद 20 साल में काफी उतार-चढाव देखें हैं,पर अब हमें अपने पैरो पर खड़ा होना है।पिछले कार्यकाल में उन्हौने राज्य बोर्ड में फर्स्ट,सेकेंड और थर्ड लाने वाले छात्र-छात्राओं को क्रमश:3,2 और 1 लाख का सहयोगी राशी देने की शुरूआत की थी जिसे बाद की सरकार ने बंद कर दिया था पर उनकी सरकार ने उस योजना को फिर से शुरू किया है।

खेल की चर्चा करते हुए हेमन्त सोरेन ने कहा कि इस क्षेत्र में अपार संभावनायें हैं।कोयला खदान के साथ ही शिक्षा एवं खेल के माध्यम से झारखंड प्रगति के कदम पर आगे बढेगा।खेल में बेहतर करने वाले खिलाड़ियों को आर्थिक सहयोग और सम्मान देने की योजना उनकी सरकार ने शुरू की है और इस योजना के तहत 40 बच्चों को सरकारी नौकरी दिया है।अब झारखंड की नई पीढी नये तेवर के साथ आगे बढेगी और उनकी सरकार उन्हें आगे बढने में हरसंभव मदद करेगी।


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