राष्ट्रपति ने किया उद्घाटन : बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह का किया उद्घाटन,विस परिसर मे लगाया शिशु बोधिवृक्ष

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RASTRAPATI NE KIYA UDGHATAN RASTRAPATI NE KIYA UDGHATAN

PATNA-बिहार विधानसभा की शताब्दी समारोह का राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया ।इस दौरान मंच पर राज्यपाल फागू चौहान ,सीएम नीतीश कुमार,विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा,विधान परिष्द के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे।इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राजभवन से विधानसभा परिसर पहुंचे औरबोधिवृक्ष का पौधा रोपण किया।पौधारोपण के दौरान बोधगया से आये बौद्ध भिक्षुओं ने विशेष रूप से सूत्तपाठ किया। उद्घाटन के दौरान राज्यपाल ने स्मारिक का विमोचन किया और इसकी पहली प्रति राष्ट्रपति को भेंट की।राष्ट्रपति ने शताब्दी स्मृति स्तंभ की आधारशिला भी रखी।

समारोह की शुरूआत में विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से स्वागत भाषण करते हुए बिहार विधानसभा के इतिहास के साथ ही वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल में किये जा रहें कार्यों का उल्लेख किया।

राष्ट्रपति ने संबोधन में क्या कहा-

जब मैं बिहार आता हूं तो मुझे लगता है कि मैं अपने घर आया हूं।जब भी बिहार से किसी तरह का निमंत्रण मिलता है तो मैं उसे सहज स्वीकार कर लेता हूं।इसके लिए उनके कुछ सहयोगी व्यंग्य भी करते हैं।राज्यपाल के रूप में बिहार के लोगों का असीम प्यार मिला है।राष्ट्रपति के रूप में भी जब मैं बिहार आता हूं तो यहां के लोगों का भरपूर प्यार मिलता है।

यह गर्व का विषय है कि बिहार लोकतंत्र की पहली जननी है।राजकुमार सिद्धार्थ को बोधगया में ज्ञान मिला और वे बुद्ध कहलाये।बोधिवृक्ष का पौधा बिहार विधान परिसर में रोपण करने पर उन्हें अपार खुशी हुई।बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने भी लिखा है कि बौद्ध धर्म की कई परम्परायें हमारी वर्तमान लोकतंत्र को मजबूत करनेवाली है। मुझे बिहार ने राज्यपाल से सीधे राष्ट्रपति भवन तक जाने का अवसर दिलाया है।बिहार नालंदा विश्वविद्यालय,चाणक्य ,आर्यभट्ट जैसे की धरती रही है।इस परम्परा को आगे बढाने की जररूत है।

चन्द्रगुप्त मौर्य से लेकर कर्पूरी ठाकुर और नीतीश की चर्चा

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में संयुक्त बिहार-बंगाल और उड़ीसा के साथ ही अबतक के इतिहास की चर्चा की।भारत के संविधान निर्माण मे बिहार के विभूतियो ने महती भूमिका निभाई है।संविधान सभा के अस्थायी सच्चिदानंद सिन्हा और स्थायी अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र प्रसाद बिहार से ही थे। 2400 साल पूर्व बने चाणक्य के सहयोग से मगध के राजा बने चंद्रगुप्त मौर्य और आजाद देश में बिहार के सीएम बने कर्पूरी ठाकुर ने समातमूलक समाज बनाने में महती भूमिका निभाई है।जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति के जरिए देश को एक नई दिशा दी थी।वर्तमान में नीतीश सरकार बेहतर काम कर रही है।वे स्वतंत्र बिहार में सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकार्ड बनाया है।इसके लिए उनका धन्यवाद है।शराबबंदी कानून को अपनाकर बिहार ने देश के नई दिशा दी है।लोकपर्व छठ की चर्चा करते हुए रामनाथ कोविंद ने कहा कि नवादा से न्यू जर्सी और बेगूसराय से बोस्टन तक छठ त्योहार का फैलाव हो चुका है।

देखिए.. राष्ट्रपति के संबोधन का वीडियो https://youtu.be/CyzB6vsHm48

विधायक को नसीहत

विधायक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि की जनता अपने विधायक को भाग्यविधाता मानती है।आमलोगों में बेहतर भविष्य के लिए एक ललक दिखाई पड़ती है।ऐसे में सभी विधायक को अपने आचरण से लोगों को प्रभावित करते रहने की जरूरत है।अगर बिहार के जनप्रतिनिधि आमलोगों के सहयोग से बेहतर कार्य करते रहे तो आजादी के स्वर्ण शताब्दी बर्ष के अवसर पर 2047 तक बिहार मानवीय सेवा के रूप में अग्रणी राज्य बन सकता है।राष्ट्रपति ने रामधारी सिंह की एक कविता का पाठ करते हुए और दिवाली और छठ की बधाई देते हुए अपना संबोधन खत्म किया।

सीेएम नीतीश कुमार ने क्या कहा..

राष्ट्रपति के संबोधि से पहले समारोह को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में आने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभार जताया।सीएम ने रामनाथ कोविंद के राज्यपाल के कार्यकाल की चर्चा करते हुए कहा कि यह बिहारवासियों के लिए गर्व का विषय है कि यहां के राज्यपाल रामनाथ कोविंद सीधे राष्ट्रपति बने हैं।राष्ट्रपति बनने के बाद महामहिम राष्ट्रपति कई बार बिहार का दौरा कर चुकें हैं।नीतीश कुमार ने विधान परिषद की पूर्व सभापति स्व ताराकांत झा के कार्य की चर्चा करते हुए कहा कि विधान परिषद को लेकर उन्हौने समारोह का आयोजन करवाया था जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल शामिल हुई थे।उनकी सरकार ने बिहार दिवस के कार्यक्रम की शुरूआत की है।कोरोना की वजह से बिहारविधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में थोड़ा विलंब हुआ है पर आज यह समारोह आयोजित हो रहा है।इससे वे लोग काफी उत्साहित हैं।आज राष्ट्रपतिजी ने शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास किया गया है और जब यह बनकर तैयार हो जायेगा और आज लगाया हुआ बोधिवृक्ष बड़ा हो जायेगा तो विधानसभा का परिसर काफी बदला-बदला नजर आयेगा।

सीएम नीतीश कुमार ने बौद्ध धर्म गुरू दलाईलामा और बुद्ध स्मृति पार्क की चर्चा की।यहां मेडिटेशन एवं विपश्यना केन्द्र बनाया गया है।सरकारी कर्मियों और अधिकारियों को विपश्यना केन्द्र जाना चाहिए।वहां जानेवाले अधिकारियों के लिए हमारी सरकार 15 दिन का छुट्टी भी देगी। सीएम ने कहा कि बिहार विधानसभा परिसर में प्रधानमंत्रीजी को भी लाने का प्रयास किया जा रहा है।

राज्यपाल फागू चौहान का संबोधन

समारोह को संबोधित करते हुए बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने बिहार के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि इसी धरती से लोकतंत्र की शुरूआत हुई है।बिहार ने देश को कई सामाजिक और आर्थिक कदम में अपनी महती भूमिका निभाई है।राज्यपाल ने कार्यपालिका एवं विधायिका के गिरते स्तर की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें हम सभी को मिलकर सुधार लाने क जरूरत है।लोकतंत्र में तर्कपूर्ण बहस की जरूरत हैं न कि सिर्फ हल्ला और हंगामा करने की।कुछ जनप्रतिनिधियों के व्यवहार की वजह से जनता में गलत मैसेज जा रहा है।


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