राज्य में राजनीतिक बयानबाजी जारी : भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सीएम के बयान की निंदा की
रांची:ईडी के समन के बाद गुरुवार को राजधानी रांची में उमड़े जेएमएम कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जो कुछ कहा उसको लेकर विपक्षी दल जेएमएम पर हमलावर हो गया है. पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मुख्यमंत्री के बयान की निंदा की है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सलाह दी है कि अपना यह गुस्सा झारखंड की बच्चियों के साथ हो रहे दुष्कर्म की घटनाओं पर अपराधियों के खिलाफ दिखाएं. रघुवर दास ने अपने देश विज्ञप्ति में लिखा है
प्रेस विज्ञप्ति
ईडी के समन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी ने मुख्यमंत्री आवास के सामने जो कुछ कहा वो उनके डर,अहम और अहंकार को दर्शाता है. इसी तरह की हुंकार कभी लालू यादव बिहार में भरा करते थे. उनका क्या नतीजा हुआ,यह किसी से छिपा नहीं है. जब मुख्यमंत्री ने कोई गलत काम नहीं किया है,तो उन्हें डर किस बात का है. एक तरफ वो संवैधानिक संस्था ईडी को सार्वजनिक रूप से धमका रहे हैं,दूसरी तरफ वो उसी संस्था से तीन सप्ताह का समय भी मांग रहे हैं.
जब जब भ्रष्टाचार में लिप्त ऐसे नेताओं पर कानून का शिकंजा कसता है,तब वो संवैधानिक संस्थाओं को धमकाने का काम करते हैं. लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भूल रहे हैं कि हमारे देश में लोकतंत्र है,राजतंत्र नहीं. कानून को कानून की तरह काम करने देना चाहिए. बेहतर तो यही होता कि मुख्यमंत्री ईडी को धमकाने के बजाय उसके सामने जाकर अपना पक्ष रखते. इसी तरह नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित पूरी कांग्रेस पार्टी हो हल्ला मचा रही थी. आखिरकार सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कानून के सामने जाना ही पड़ा.
कांग्रेस,झामुमो और राजद की तरह भाजपा परिवार की पार्टी नहीं है कि हेमंत सोरेन भाजपा कार्यकर्ताओं को धमकायेंगे और वो डर जायेंगे. भाजपा कार्यकर्ताओं के संघर्ष की वजह से ही केंद्र सहित देश के कई राज्यों में आज भाजपा की सरकार है. झारखंड में कार्यरत अधिकारियों को निष्पक्ष होकर काम करने की जरूरत है. न पक्ष,न विपक्ष उन्हें निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए.
हेमंत सोरेन को अपना यह आक्रोश आदिवासी बच्चियों के साथ बलात्कार होने पर दिखाना चाहिए. तब वो मौन रहते हैं. खुद को भ्रष्टाचार पर कार्रवाई होने पर उन्हें आदिवासी समाज याद आता है. आदिवासी समाज का उत्थान विकास से होगा, न कि हेमंत सोरेन के भ्रष्टाचार से. भ्रष्टाचार से सोरेन परिवार का तो उत्थान हो सकता है, लेकिन आम आदिवासी को इससे कोई लाभ नहीं मिलनेवाला है.