प्लेयरों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा : झारखंड में खेल प्रशिक्षकों की कमी के कारण राज्य के होनहार खिलाड़ी नहीं कर पा रहे बेहतर

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रांची: झारखंड के खिलाड़ी इन दिनों खेल प्रशिक्षकों की कमी के कारण बेहतर नहीं कर पा रहे हैं. मामले को लेकर विभिन्न एसोसिएशन की ओर से राज्य सरकार को लिखित रूप से जानकारी दी गई है.

झारखंड को खेल का हब माना जाता है. खेल और खिलाड़ियों के लिए इस राज्य में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. लेकिन उन योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ यहां के खिलाड़ियों को नहीं मिल रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण है इस राज्य में खेल नीति का लागू न होना.

हालांकि इस दिशा में कदम उठाई जा रही है. खेल प्रशिक्षकों की कमी के कारण राज्य के होनहार खिलाड़ी बेहतर नहीं कर पा रहे हैं. खेल जगत से जुड़े लोग और विभिन्न एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मानें तो झारखंड में आर्चरी,एथलेटिक,हॉकी,रेसलिंग को छोड़ दें तो यहां अन्य खेलों के लिए खेल प्रशिक्षकों की किल्लत है. आनन-फानन में अनट्रेंड खेल प्रशिक्षकों को15,000के पगार पर नियुक्त किया जा रहा है और इस स्थिति में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण कैसे दिया जा सकेगा. यह एक बड़ा सवाल है. खेल प्रशिक्षकों की कमी को लेकर राज्य सरकार और संबंधित विभाग को कई बार लिखित रूप से अवगत कराया गया है. लेकिन इस दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

हाल ही में संपन्न हुए रेस वाकिंग चैंपियनशिप में झारखंड के एक भी खिलाड़ी हिस्सा नहीं लिया था और इसका सबसे बड़ा कारण था इस खेल के लिए झारखंड में कोई खेल प्रशिक्षक नहीं होना. फुटबॉल की भी स्थिति कमोवेश ऐसी ही है. बैडमिंटन,बॉक्सिंग,हैंडबॉल,जूडो,स्विमिंग,ताइकांडो,वॉलीबॉल,वेटलिफ्टिंग,साइकिलिंग,ताइक्वांडो, बास्केटबॉल समेत ऐसे कई गेम हैं जिसमें प्रशिक्षक है ही नहीं और अगर किसी खेल में प्रशिक्षक रखा भी गया है तो उसे कांटेक्ट पर राज्य सरकार काफी कम मानदेय देते हुए उन से काम ले रही है और तो और ऐसे खेल प्रशिक्षक स्टेट लेवल खेल कर ही राज्य के नेशनल खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहा है.

एसोसिएशन की ओर से राज्य सरकार पर यह भरोसा जताया गया है कि आने वाले समय में अगर खेल नीति बेहतर तरीके से बनती है तो खेल प्रशिक्षकों की ओर ध्यान दिया जाएगा . वहीं खेल जगत से जुड़े अधिकारियों की मानें तो झारखंड के अलावा अन्य राज्यों में भी कई प्राइवेट खेल प्रशिक्षण सेंटर संचालित हो रहा है. उन सेंटर में खिलाड़ी खेल प्रशिक्षण ले सकते हैं. झारखंड में भी विभिन्न एसोसिएशन की ओर से अलग से खेल प्रशिक्षण दिया जाता है. वह भी खिलाड़ी लाभ ले सकते हैं. दूसरी और खिलाड़ियों ने कहा है कि अगर झारखंड के खिलाड़ियों को बेहतर खेल प्रशिक्षक मिल जाए तो वह इंटरनेशनल लेवल पर हर प्रतियोगिता में बेहतर करेंगे. यहां के खिलाड़ी अपने दम पर बेहतर करते हुए आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम रोशन कर रहे हैं और राज्य और देश का मान बढ़ा रहे हैं. इसके बावजूद राज्य सरकार गरीब और आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों के लिए खेल प्रशिक्षकों की व्यवस्था नहीं कर रही है.


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