PhD करने वालों को बिहार सरकार देगी फेलोशिप : शोध की गुणवत्ता में होगा सुधार, ऑनलाइन करना होगा आवेदन
पटना : उच्च शिक्षा में गुणवत्ता पूर्ण शोध को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार PhD करने वालों को जल्द ही फेलोशिप देने जा रही है। यह फेलोशिप 3 वर्षों के लिए दी जानी है। जिसे लेकर शिक्षा विभाग प्रस्ताव बनाने में जुट गया है। वहीँ जानकारी मिल रही है कि इसे डॉक्टरल फेलोशिप का नाम से भी प्रस्तावित किया जा सकता है।
बिहार सरकार PhD करने वालों को 8 से 10 हजार रुपये की फेलोशिप देने जा रही है। जानकारी मिल रही है कि फेलोशिप नेट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले बिहार के उन स्कॉलर को दी जायेगी जिन्हें यूजीसी से फेलोशिप नहीं मिली है। पिछले 5 वर्षों में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में हर वर्ष औसतन 2200 शोधार्थी पीएचडी में नामांकित होते हैं। इनमें औसतन 750 महिला शोधार्थी होती हैं।
एक्सपर्ट बताते हैं कि इनमें ज्यादातर को यूजीसी की फेलोशिप नहीं मिली पाती है क्योंकि शुरू में राज्य सरकार फेलोशिप का दायरा सीमित संख्या में रखना चाहती है इसलिए औसतन 20-25% शोधार्थियों को फेलोशिप दी जा सकती है। जिसे लेकर CM नीतीश की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्देशित किया गया है कि सीमित संख्या में राज्य शोध फेलोशिप शुरू करें। फिलहाल फेलोशिप देने के लिए क्राइटेरिया तैयार की जा रही है। शोध राशि किसको दी जाये इसके लिए भी निर्धारित मापदंड तैयार किये जा रहे हैं, जिससे पारदर्शिता पूर्ण तरीके से शोधकर्ताओं को फेलोशिप दी जा सके।
बता दें कि यह फेलोशिप बिहार सरकार के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों, बिहार एग्रीकल्चर और एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी में के शोधार्थियों को दी जायेगी। इससे शोध की गुणवत्ता में सुधार होगा और बिहार में शोध का माहौल एक बार फिर से बनेगा।