PFI के निशाने पर थे PM मोदी : NIA के बाद ED ने भी किया खुलासा, जानें किसने रची थी साजिश
पटना : इस वक़्त की बड़ी खबर सामने आ रही है कि NIA के बाद अब ED ने भी किया खुलासा करते हुए कहा है कि PFI के निशाने पर PM मोदी थे। प्रधानमंत्री को एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल पर जाने के दौरान टारगेट किया जाना था। यह मामला उस वक़्त का है जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने से पहले पटना के गाँधी मैदान में रैली करने के लिए पहुंचे थे।
PFI मामले को लेकर बीते दिनों NIA ने देश के कई राज्यों में छापेमारी की थी। इस छापेमारी में तक़रीबन 106 लोगों गिरफ्तार भी किया गया था। इस एक्शन के दौरान देशभर के कई हिस्सों से 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां केरल से हुईं थीं। केरल से 22 लोगों को NIA ने गिरफ्तार किया गया था। पीएफआई ने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए पहले ही कई संगठन तैयार कर लिए थे। जिनके जरिए देश में अपने एजेंडे को जारी रखने के लिए PFI ने पूरा प्लान बनाया हुआ था। केरल से गिरफ्तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के मेंबर शफीक पैठ से NIA ने पूछताछ की है, इसमें बड़ा खुलासा हुआ है। शफीफ पैठ ने NIA को बताया है कि उनके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना का कार्यक्रम था। शरीफ के मुताबिक PFI लीडर कार्यक्रम के दौरान माहौल बिगाड़ना चाहते थे। इसके लिए बाकयदा बैनर- पोस्टर भी बनाए गए थे।
पूछताछ में शफीक ने बताया कि 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना में कार्यक्रम था, यह कार्यक्रम PFI के टारगेट पर थी। रैली का माहौल खराब करने वाले लोगों को पीएफआई ने ट्रेनिंग भी दी थी। जांच के दौरान ये भी पता चला है कि PFI के एकाउंट में एक साल में करीब 120 करोड़ रुपये डिपॉजिट किए गए थे. इसके साथ ही जितना पैसा अकाउंट में जमा किया गया था उससे दोगुना रुपया कैश के रूप में एकत्र किया गया था। NIA की जांच में ये भी जानकारी मिली है कि ये करोड़ों रुपये की रकम न सिर्फ हिंदुस्तान के अलग-अलग शहरों से, बल्कि विदेशों से भी एकत्र की गई थी. इस पैसे का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में किया जा रहा था।
आपको बता दे की 12 जुलाई को पटना मे पीएम मोदी के कार्यक्रम के ठीक एक दिन पहले 11जुलाई को पटना की फुलवारी शरीफ पुलिस ने पीएफआई के एक ट्रेनिंग सेंटर का का खुलासा किया था। यहाँ से अतहर परवेज और मो जलालउद्दीन को गिरफ्तार किया गया था। इनमे अतहर परवेज पूर्व मे सिमी का सक्रिय सदस्य रहा था. जबकि मो जलालउद्दीन झारखण्ड पुलिस के एक पूर्व सब इंस्पेक्टर था। पुलिस ने इस कार्रवाई का खुलासा प्रधानमंत्री के दौरे के एक दिन बाद 13 जुलाई को किया था। जाँच के दौरान डिजिटल डिवाइस के अलावा कई दस्तावेज बरामद किया था. इस मामले मे बाद मे चार लोगो को गिरफ्तार गया था। एक आरोपी नुरुद्दीन जंगी को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था. बाद मे टेरर फंडिंग से जुड़े कई लिंक सामने आया था। बाद मे मामले की जाँच एन आई ए को सौंप दी गई थी।
इस मामले मे एन आई ए ने भी 22 जुलाई को अलग से प्राथमिकी दर्ज कर जाँच शुरू की थी। इसमें उन 26 लोगो को अभियुक्त बनाया गया था जिनके खिलाफ पूर्व मे पटना पुलिस ने भी एफ आई आर दर्ज किया था। इसमें अत हर परवेज और मो जलालउद्दीन के अलावा वैसे लोग थे जो कुछ दिन पूर्व यहाँ आयोजित ट्रेनिंग कैम्प मे शामिल हुए थे। इनमे केरल तेलंगाना और कर्नाटक के लोग भी शामिल थे। योजना के मुताबिक पीएम मोदी के एयरपोर्ट से विधानसभा आने के रास्ते मे ही टारगेट करना था।