संसद भवन उद्घाटन समारोह : विपक्षी पार्टियां उद्घाटन समारोह में नहीं होंगे शामिल, दलित आदिवासी के नाम पर भाजपा लेती है वोट- राकेश सिन्हा

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Opposition parties will not participate in the inauguration ceremony, BJP takes votes in the name of Dalit tribals - Rakesh Sinha Opposition parties will not participate in the inauguration ceremony, BJP takes votes in the name of Dalit tribals - Rakesh Sinha

रांची:-नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से विपक्षी पार्टियों ने अपने आप को दूर रखने कानिर्णय लिया है। बता दें कि विपक्षी पार्टियां उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे। इससे पहले भी राहुल गांधी ने ट्वीट कर नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने की मांग की थी। अब राष्ट्रपति का अपमान बता कर इस उद्घाटन समारोह से विपक्ष के नेता इस उद्घाटन समारोह से अपने आप को दूर रख रहे हैं।


बाबूलाल मरांडी ने संसद भवन उद्घाटन मुद्दे पर विपक्षी पार्टी पर तंज कसते हुए उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होना है,लेकिन विपक्ष ने इसे राष्ट्रपति जी का अपमान बताकर कार्यक्रम का बहिष्कार किया है।

सवाल यह है कि अगस्त 1975 में जब इंदिरा गांधी जी ने संसद एनेक्सी का उद्घाटन किया,1987 में संसदीय ज्ञानपीठ का शिलान्यास राजीव गांधी जी ने किया और 2016 में नीतीश कुमार जी ने विधानमंडल के नए भवन का उद्घाटन किया तब क्या राष्ट्रपति जी या राज्यपाल जी का अपमान नहीं हुआ?देश पर आपातकाल थोपने वाले लोग आज संविधान के रक्षक बनने का ढोंग कर रहे हैं,आश्चर्य होता है।

वहीं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि यह हर्ष और उल्लास की बात है पूरे देशवासी आज खुश हैं कि देश को नया संसद भवन मिला लेकिन कुछ विपक्षी पार्टियां राजनीति करने में लगी हुई है। उन्हें इंदिरा गांधी के कार्यकाल और राजीव गांधी के कार्यकाल का याद नहीं आया क्या उस समय राष्ट्रपति का अपमान नहीं हुआ था। देश की जनता सब देख रही है और बैलेट पेपर के जरिए जवाब देने का कार्य करेगी।

देश का लोकतंत्र की स्थिति चिंताजनक:डॉ.तनुज खत्री

वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ तनुज खत्री ने कहा कि भारत का सर्वोच्च पद राष्ट्रपति का होता है और प्रधानमंत्री को चाहिए था कि राष्ट्रपति से उद्घाटन कराए। लोकसभा अध्यक्ष और प्रधानमंत्री का पद तो बाद का होता है पहले राष्ट्रपति का होता है। चाहे वह संसद के बात करें, उसमें भी सबसे पहला स्थान होता है। आज ऐसी परिस्थिति से ही पता चलता है कि देश का लोकतंत्र की स्थिति चिंताजनक है।

आदिवासी विरोधी है भाजपा:राकेश सिन्हा

वही कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि संसद लोकतंत्र का मंदिर वैसा जगह होता है जहां दलितों,पिछड़ों की आवाज पहुंचती है लेकिन खुले तौर पर एक महामहिम राष्ट्रपति का अपमान हो रहा है। जो एक आदिवासी दलित पिछड़े वर्ग से आती हैं जो आज भारत के सर्वोच्च पद हैं, उनका खुले तौर पर अपमान हो रहा है। भाजपा पहले से भी आदिवासी विरोधी रही है दलित विरोधी रही है या किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है। यह देश की संपत्ति है भाजपा सिर्फ दलित आदिवासी के नाम पर वोट लेना जानती है। कैसे उन्हें सम्मान देना है यह वह नहीं करती है।


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