मुर्गी फार्म में बंधक बना मजदूर हुआ मुक्त : झारखंड पुनर्वास केन्द्र की पहल पर बिहार की छपरा पुलिस ने कराया मुक्त
रांची- झारखंड के एकीकृत पुनर्वास संसाधन केन्द्र की पहल पर बिहार के छपरा से 5 बंधुआ मजदूरो को मुक्त कराया गया है।मुक्त कराये गये लोगो में एक पति-पत्नी समेत कुल 5 मजदूर हैं।
मिली जानकारी के अनुसार रांची के चान्हो प्रखंड़ के मुरतो गांव निवासी सहदेव उरांव,शनिचरवा उरांव अपनी पत्नी व छह बच्चों तथा एक अन्य युवक सुरेश उरांव के साथ ढाई महीना पहले छपरा जिला के रसूलपुर थाना क्षेत्र के धनकडीह स्थित मुर्गी फार्म में काम करने गये थे। शुरू में फार्म के मालिक से प्रतिमाह पुरुषों को 8 हजार व महिलाओं को 7 हजार रुपया व खाना पीना अलग से देने की बात हुई थी वहीं ढाई महीना काम करने के बाद भी मजदूरों को फार्म के मालिक द्वारा एक पैसा नहीं दिया गया। पैसा मांगने पर वह हमेशा टालमटोल करता था और बाद में वह उन्हें धमकाने भी लगा था कि सिर्फ काम से मतलब रखो।
हाथ में पैसा नहीं रहने के कारण सभी मजदूर चाहकर भी वहां से घर वापस नहीं आ सकते थे।बाद में उन्होंने मुरतो गांव के एक व्यक्ति के माध्यम से झारखंड के बाल कल्याण संघ द्वारा संचालित एकीकृत संसाधन केंद्र के परियोजना समन्वयक सुनील गुप्ता से बात की।सुनील गुप्ता ने पूरी जानकारी लेने के बाद छपरा के रसूलपुर थाना की पुलिस से बात करके मजदूरों की मदद करने का आग्रह किया,जिसके बाद पुलिस की टीम ने जांच पड़ताल शुरू की।जांच पड़ताल मे मामला सही पाये जाने के बाद प्रशासन ने मुर्गी फार्म के मालिक पर दवाब डाला जिसके बावजूद सभी मजदूरों को ढाई महीने की मजदूरी की कुल 73 हजार के एवज में महज 18 हजार 500 रुपये दिये। पैसा मिलने के बाद सभी मजदूर ट्रेन से झारखंड स्थित अपने गांव के लिए निकल गये हैं।