मरीज सड़क पर भटकने को मजबूर : पैसे के अभाव में नहीं हो पा रहा गरीब मरीजों का इलाज, अस्पताल प्रबंधन बेखबर
बोकारो: खबर है बोकारो की जहांराज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है.इसको देखने वाला कोई नहीं है.एंबुलेंस गरीब को इलाज के लिए अस्पताल जरूर पहुंचा दे रही है.लेकिन पैसे जुटा पाने में असमर्थ होने पर मरीज को अस्पताल से भगा दिया जा रहा है.
ऐसा ही एक मामला सदर अस्पताल के मुख्य गेट और सिविल सर्जन कार्यालय के पास देखने को मिला है. जहां चास मेन रोड स्थित मछली पट्टी के रहने वाले शंभू धीवर अपने टूटे दोनों पैर का इलाज कराने के लिए सड़क पर डंडा और कागजात लेकर रेंगने को मजबूर है.
शंभू ने बताया कि उसके माता-पिता नहीं हैं. भाई और भाभी है तो उसका ध्यान नहीं देते.मरीजशंभू ने बताया कि कुछ दिन पहले कुछ लोगों ने उसके साथ मारपीट कर उसके दोनों पैरों को तोड़ दिया था. किसी ने 108 एंबुलेंस को सूचना देकर उसे बोकारो सदर अस्पताल भेज दिया. बोकारो सदर अस्पताल के द्वारा उसे बेहतर इलाज के लिए शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल धनबाद भेज दिया. जहां 3 सितंबर को उसे भर्ती किया गया और उसके पैर की सर्जरी करने की बात कही गई. जैसा कि उसके पास मौजूद कागजात बताते हैं.
चिकित्सकों ने उसे प्लास्टर सहित अन्य इलाज के लिए सामान बाहर से मंगवाने के लिए कहा. लेकिन उसके पास पैसे के अभाव रहने के कारण उसका इलाज नहीं हुआ और जैसा कि पीड़ित ने बताया कि उसे डंडे से मारने की बात कह कर अस्पताल से निकाल दिया.
अब वह फिर से बोकारो सदर अस्पताल का चक्कर लगा रहा है. पीड़ित कहता है कि इसकी शिकायत हम डीसी से करेंगे. लेकिन क्या जाने डीसी उससे मुलाकात करें या नहीं करें. स्थानीय लोगों ने बताया कि वह दो-तीन दिनों से यहां सड़कों पर इलाज के लिए भटक रहा है.
ऐसे में स्वास्थ्य सेवा का हाल खुद ब खुद पता चल जाता है. क्योंकि जहां यह युवक सड़क पर रेंग रहा है वहीं सिविल सर्जन हमेशा आते जाते रहते हैं.